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फर्जी वेबसाइट बनाई, सब्सिडी का झांसा... ट्रैक्टर खरीदने के नाम पर किसानों से धोखाधड़ी

इन फर्जी वेबसाइट्स का मकसद किसानों से पैसे ऐंठना था. ये वेबसाइट्स ट्रैक्टर सब्सिडी देने के नाम पर लोगों को फर्जी आवेदन शुल्क, एडवांस डिपॉजिट और टैक्स के नाम पर भुगतान करने के लिए मजबूर करती थीं.

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ट्रैक्टर खरीद योजना के नाम पर लोगों से हो रही धोखाधड़ी
ट्रैक्टर खरीद योजना के नाम पर लोगों से हो रही धोखाधड़ी

भारत में डिजिटल ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और अब इसका नया शिकार बन रहे हैं किसान. इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने एक ऐसे फर्जी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो प्रधानमंत्री के नाम पर चलाई जा रही एक काल्पनिक ट्रैक्टर सब्सिडी योजना का झांसा देकर भोले-भाले किसानों से ठगी कर रहा था. यह नेटवर्क "प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना" और "किसान ट्रैक्टर योजना" के नाम पर 50% तक की सब्सिडी देने का दावा कर रहा था, जबकि असल में ऐसी कोई सरकारी योजना मौजूद नहीं है.

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कैसे हो रही थी यह ऑनलाइन ठगी?
यह घोटाला कई फर्जी वेबसाइट्स के जरिए किया जा रहा था. इंडिया टुडे की जांच में कम से कम पांच फर्जी वेबसाइट्स का पता चला, जो किसानों को लुभाने के लिए बनाई गई थीं:

tractorsubsdy[.in]
kisantractorsyojana[.online]
kissantractorsubsdy[.in]
tractorschemeapply[.com]
tractoryojana[.in]

जांच में पाया गया कि इन वेबसाइट्स के डोमेन पिछले एक साल में ही बनाए गए थे. इन वेबसाइट्स को पेशेवर तरीके से सरकारी वेबसाइट जैसा दिखाया गया था, ताकि किसान इन्हें असली योजना समझकर ठगी का शिकार हो जाएं.

सरकार ने कहा- ऐसी कोई योजना नहीं
साल 2023 में तत्कालीन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में स्पष्ट किया था कि ‘प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना’ नाम की कोई योजना सरकार द्वारा संचालित नहीं की जा रही है. हालांकि, केंद्र सरकार 'सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन' (SMAM) के तहत किसानों को ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरणों की खरीद के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है. लेकिन इसका नाम 'प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना' नहीं है.

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ट्रैक्टर

कैसे हो रही थी पैसे की ठगी?
इन फर्जी वेबसाइट्स का मकसद किसानों से पैसे ऐंठना था. ये वेबसाइट्स ट्रैक्टर सब्सिडी देने के नाम पर लोगों को फर्जी आवेदन शुल्क, एडवांस डिपॉजिट और टैक्स के नाम पर भुगतान करने के लिए मजबूर करती थीं.

उदाहरण के लिए, tractorsubsdy[.in] नामक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बाद यूजर से ₹4,250 का आवेदन शुल्क मांगा जाता था. इसके बाद "स्टेट टैक्स" के नाम पर ₹20,000 और फिर "सब्सिडी इंश्योरेंस चार्ज" के रूप में ₹28,500 की मांग की जाती थी. ठग यहीं नहीं रुकते थे, बल्कि "सिक्योरिटी अमाउंट एडवांस" के नाम पर ₹77,800 तक वसूला जाता था.

हर बार भुगतान करने के बाद, सिस्टम आगे की प्रक्रिया के लिए और पैसे जमा करने को कहता था. लेकिन अंत में ना तो कोई ट्रैक्टर मिलता था और ना ही कोई भुगतान रसीद जारी की जाती थी.

मुंबई के पते से चल रहा था फर्जीवाड़ा
जांच में यह भी सामने आया कि वेबसाइट tractorsubsdy[.in] ने अपना पता "69A, हनुमान रोड, विले पार्ले ईस्ट, मुंबई" दिया था. खास बात यह है कि यही पता नेटवर्क की कम से कम दो अन्य वेबसाइट्स का भी रजिस्टर्ड एड्रेस था.

इससे यह तो साबित होता है कि, ये सभी फर्जी वेबसाइट्स एक ही गिरोह द्वारा चलाई जा रही थीं, जो किसानों को ठगने के लिए बार-बार नए नामों से वेबसाइट्स लॉन्च कर रहे थे.

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पहले भी हुआ है ऐसा फर्जीवाड़ा
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री के नाम पर किसानों को ठगने की कोशिश की गई हो. पिछले साल, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) फैक्ट-चेक ने एक और फर्जी वेबसाइट का भंडाफोड़ किया था, जो 'पीएम किसान ट्रैक्टर योजना' के नाम पर ₹5 लाख की सब्सिडी देने का दावा कर रही थी.

इस वेबसाइट का लोगो और इंटरफेस उन वेबसाइट्स से मेल खा रहा था, जिन्हें इंडिया टुडे ने अपनी जांच में उजागर किया है. यह दर्शाता है कि साइबर ठग कुछ समय के लिए गायब होने के बाद, नए नाम से फिर से सक्रिय हो जाते हैं.

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कैसे पहचाने फर्जी वेबसाइट्स को?
सरकारी योजनाओं की पुष्टि करें - अगर कोई वेबसाइट सरकारी योजना का दावा कर रही है, तो पहले ऑफिशियल वेबसाइट (जैसे https://pmkisan.gov.in/) पर जाकर जानकारी सत्यापित करें.

भाषागत गलतियां देखें - फर्जी वेबसाइट्स और संदेशों में स्पेलिंग और व्याकरण संबंधी गलतियां आम होती हैं.
अनजान लिंक पर क्लिक न करें - अगर आपको अज्ञात नंबर से कोई लिंक भेजा जाता है, तो उसे क्लिक करने से बचें.
फर्जी कॉल्स से सतर्क रहें - अगर कोई व्यक्ति फोन पर आपको सरकारी योजना के तहत भुगतान करने को कहता है, तो उसकी पुष्टि करें.
पैसे की मांग होने पर अलर्ट रहें - सरकारी योजनाओं के लिए आमतौर पर कोई एडवांस फीस या सिक्योरिटी डिपॉजिट नहीं लिया जाता है.
अगर आप ठगी का शिकार हुए हैं, तो क्या करें?
अगर कोई व्यक्ति इस तरह की ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाता है, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन या पुलिस से संपर्क करें. भारत सरकार ने साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है:

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साइबर क्राइम हेल्पलाइन: 1930
ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए वेबसाइट:
https://cybercrime.gov.in

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