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नए संसद भवन में झंडारोहण का शेड्यूल हिंदी में मिलने पर भड़के डीएमके सांसद त्रिची शिवा, फाड़ कर फेंका

सर्वदलीय बैठक में त्रिची शिवा ने ध्वजारोहण कार्यक्रम का शेड्यूल सिर्फ हिंदी में जारी करने का मुद्दा उठाया और इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए सबके सामने शेड्यूल को फाड़ दिया. हालांकि, बैठक की अध्यक्षता कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीएमके के राज्यसभा सांसद त्रिची शिवा को आश्वासन दिया कि अब से अंग्रेजी संस्करण भी प्रसारित किए जाएंगे.

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डीएमके सांसद त्रिची शिवा (फाइल फोटो)
डीएमके सांसद त्रिची शिवा (फाइल फोटो)

केंद्र सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में डीएमके सांसद त्रिची शिवा नई संसद में ध्वजारोहण कार्यक्रम का शेड्यूल सिर्फ हिंदी में जारी करने पर भड़क गए. इतना ही नहीं उन्होंने हिंदी शेड्यूल को सबके सामने फाड़ दिया. बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे थे. 

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दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन के गज द्वार पर रविवार को झंडा फहराया था. इस कार्यक्रम में डीएमके की ओर से राज्यसभा सांसद त्रिची शिवा ने हिस्सा लिया था. डीएमके शिवा ने ध्वजारोहण कार्यक्रम में बैठने की व्यवस्था को लेकर भी बैठक में नाराजगी जताई. उन्होंने दावा किया कि कुर्सियां सिर्फ मंत्रियों के लिए उपलब्ध थीं. सू

सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में त्रिची शिवा ने ध्वजारोहण कार्यक्रम का शेड्यूल सिर्फ हिंदी में जारी करने का मुद्दा उठाया और इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए सबके सामने शेड्यूल को फाड़ दिया. हालांकि, बैठक की अध्यक्षता कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीएमके के राज्यसभा सांसद डीएमके शिवा को आश्वासन दिया कि अब से अंग्रेजी संस्करण भी प्रसारित किए जाएंगे. पीएम मोदी ने 28 मई को नई संसद भवन का उद्घाटन किया था. 18 सितंबर से केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है. 19 सितंबर से सत्र नई संसद में चलेगा. 
 
हिंदी को लेकर फिर आमने सामने आए केंद्र और DMK

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हिंदी में शेड्यूल जारी करने पर त्रिची शिवा की नाराजगी उनकी पार्टी के नेता उदयनिधि स्टालिन की राय का समर्थन मानी जा रही है. उदयनिधि ने गुरुवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया था. उदयनिधि ने कहा था कि हिंदी भाषा पूरे देश को नहीं जोड़ती. 

अमित शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर शुभकामनाएं देते हुए कहा था, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की भाषाओं की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का नाम 'हिंदी' है. स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर आजतक देश को एकसूत्र में बांधने में हिंदी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है. आइए, 'हिंदी दिवस' के अवसर पर राजभाषा हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करने का संकल्प लें.

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