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SCO मीटिंग: चीन के विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर, कहा- LAC विवाद लंबा खिंचने से रिश्ते प्रभावित

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S JaiShankar) ने दुशांबे, तजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के अलग चीन (China) के विदेश मंत्री (Foreign Minister) वांग यी ( Wang Yi) से मुलाकात की.

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एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. (फोटो- ट्विटर/एस जयशंकर)
एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. (फोटो- ट्विटर/एस जयशंकर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • LAC पर जारी तनाव को लेकर हुई बातचीत
  • चीनी विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर
  • एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने पहुंचे दोनों नेता

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने दुशांबे, तजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के अलग चीन (China) के विदेश मंत्री (Foreign Minister) वांग यी ( Wang Yi) से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने सीमा पर भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव को लेकर चर्चा की.इस दौरान एस जयशंकर ने कहा कि LAC विवाद लंबा खींचने से दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं.

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बैठक में दोनों तरफ से इस बात पर सहमति भी जताई गई कि जल्द ही वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बैठक आयोजित की जाएगी. दोनों ने LAC की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की. साथ ही भारत चीन संबंधों को लेकर भी बातचीत की गई.

विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि मौजूदा स्थिति को लम्बा खींचना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है. यह स्पष्ट रूप से रिश्ते को नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर रहा है. विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति  बनाए रखना 1988 से संबंधों के विकास का आधार रहा है.

पिछले साल सितंबर 2020 में मास्को में अपनी पिछली बैठक को याद करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उस समय किए गए समझौते पर पालन करने और पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ अन्य मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

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विदेश मंत्री ने स्टेट काउंसलर को बताया कि इस साल की शुरुआत में पैंगोंग झील क्षेत्र में सफल विघटन (Disengagement)  के चलेत अन्य मुद्दों को सुलझाने की स्थिति पैदा की. उम्मीद की जा ही थी कि चीनी पक्ष इस उद्देश्य की दिशा में मिलकर काम करेगा. हालांकि विदेश मंत्री ने ध्यान दिलाया कि शेष क्षेत्रों में स्थिति अब भी अनसुलझी है. दोनों देश सैन्य स्तर की बातचीत जल्द शुरू करने पर राजी हुए हैं. 11 राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन अप्रैल से अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है.


 

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