
मार्च के महीने के अभी 10 दिन ही बीते हैं, लेकिन केरल में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है. कुछ महीने पहले बेतरतीब बारिश झेलने वाले केरल के कुछ हिस्सों में टेम्प्रेचर 54 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है. इसके चलते लोगों को अभी से चिलचिलाती गर्मी का सामना करना पड़ रहा है.
केरल स्टेट आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (KSDMA) ने गुरुवार को तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा कि दक्षिणी राज्य के कुछ क्षेत्रों में 54 डिग्री सेल्सियस को पार गया है. अथॉरिटी की मानें तो इतना तापमान बेहद जोखिम भरा है. क्योंकि आने वाले दिनों में इसके चलते गंभीर बीमारियां और हीट स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ सकता है.
एजेंसी के मुताबिक केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के दक्षिणी हिस्से और अलप्पुझा, कोट्टायम, कन्नूर जिलों के कुछ क्षेत्रों में 54 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया है. तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, कोझिकोड और कन्नूर में गुरुवार को 45 के बीच 54 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. KSDMA के मुताबिक इन जगहों पर लंबे समय तक हीट स्ट्रोक हो सकता है.
कासरगोड, कोझिकोड, मलप्पुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा और एर्नाकुलम में 40-45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच गया है. जबकि डइडुक्की और वायनाड के पहाड़ी हिस्सों में तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है.
इस साल अब तक पलक्कड़ में गर्मी का प्रकोप थोड़ा कम है, क्योंकि यहां तापमान 30-40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है. इडुक्की जिला भी इसी केटेगरी में हैं. यहां तापमान का यही स्तर है.
हालांकि तिरुवनंतपुरम में स्थित IMD के अधिकारियों ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. वहीं, स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे बाहर जाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें और खुद को तेज गर्मी से बचाने के लिए खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट करें.
हीट स्ट्रोक क्या है?
हीट स्ट्रोसक या सन स्ट्रोक को आम भाषा में 'लू लगना' बोलते हैं. ये तब होता है, जब आपका शरीर अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता. हीट-स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है और कम नहीं हो पाता. जब किसी को लू लगती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है और इंसान को बिल्कुल पसीना नहीं आता. हीट-स्ट्रोक की चपेट में आने पर 10 से 15 मिनट के अंदर शरीर का तापमान 106°F या इससे अधिक हो सकता है. समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इंसान की मौत या ऑर्गन फेल भी हो सकता है.
हीट-स्ट्रोक के कारण
अधिक गर्म जगह पर लंबे समय तक रहना लू लगने या हीट-स्ट्रोक का कारण बन सकता है. अगर कोई ठंडे मौसम से अचानक से गर्म जगह पर जाता है तो उसे भी हीट स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है. गर्म मौसम में अधिक एक्सरसाइज करना भी हीट-स्ट्रोक का मुख्य कारण है. गर्मी में अधिक पसीना आने के बाद पर्याप्त पानी न पीने से हीट स्ट्रोक हो सकता है. साथ ही अगर कोई अधिक शराब का सेवन करता है तो शरीर अपना टेम्प्रेचर सही करने की ताकत खो देता है. यह भी लू लगने का कारण हो सकता है. अगर आप गर्मी में ऐसे कपड़े पहनते हैं, जिनसे की पसीना और हवा पास नहीं हो रही है तो यह भी हीट-स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है.
ये भी देखें