
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में जान चली गई. इस हादसे के बाद सीट बेल्ट को लेकर लोगों की लापरवाही पर फिर चर्चा होने लगी. साइरस मिस्त्री ने भले कार की पिछली सीट पर बैठकर सीट बेल्ट नहीं लगाई थी. लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो कि आगे बैठकर भी सीट बेल्ट नहीं लगाते.
इस बीच कई ऐसे जुगाड़ आ गए हैं जो सीट बेल्ट अलार्म को धोखा देने के लिए लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी आजतक से बातचीत के दौरान ऐसे ही एक जुगाड़ का जिक्र किया था. गडकरी ने कहा था कि इनका इस्तेमाल करना खतरे से खाली नहीं है. अब इनकी ज्यादा जानकारी आजतक ने जुटाई है.
आज कल लोग सीट बेल्ट लगाने से बचने के लिए सीट बेल्ट लॉक की क्लिप का सहारा ले रहे हैं. इसकी कीमत 100-150 रुपये के बीच होती है. लेकिन सीट बेल्ट लगाने से बचने का यह आलस जान पर भारी साबित हो सकता है.
क्लिप की ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए आज तक/इंडिया टुडे की टीम पहुंची करोल बाग की कार मार्केट पहुंची. यहां हमने दुकानदार से पूछा कि वो क्लिप दे दीजिए जिस से सीट बेल्ट न लगानी पड़े. तो उसने हमें तुरंत छोटे-छोटे क्लिप दिखाए.
ये क्लिप मार्केट में 100 रुपए से 500 रुपए तक मिल जाती हैं. लोग सीट बेल्ट लगाने से बचने के लिए इस क्लिप का सहारा लेते हैं. लेकिन जब हादसा होता है तो ये क्लिप आपकी कोई मदद नहीं कर सकता.
एक्सपर्ट ने बताया की सीट बेल्ट लगाने से हादसे के वक्त एयर बैग खुलता है और जान आसानी से बच जाती है. जबकि क्लिप लगाने से एयर बैग नहीं खुलता है.
गडकरी ने सुनाया था चार मुख्यमंत्रियों की कार का किस्सा
देखा गया है कि भारत में पीछे की सीटों पर लोग सीट बेल्ट नहीं लगाते. साइरस के मामले में भी ऐसी ही बातें कही जा रही हैं. इसपर सवाल पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि पीछे बैठे लोगों के लिए भी सीटबेल्ट उतनी ही जरूरी है जितनी आगे बैठे लोगों के लिए.
पुराने किस्से का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि मैं कुछ वक्त पहले चार मुख्यमंत्रियों की गाड़ियों में बैठा था. उन सभी की गाड़ियों की फ्रंट सीट पर सीट बेल्ट लगाने वाली जगह (सॉकेट) पर क्लिप लगी हुई थी. चेतावनी अलार्म ना बजे ऐसा इसलिए किया गया था. ऐसे मैं मैंने ड्राइवर को डांटा और क्लिप हटवाई.