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राज्य सरकारें डायरेक्ट खरीद सकतीं हैं डोज, वैक्सीन उत्पादन के सवाल पर सीरम इंस्टीट्यूट का जवाब

सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि कंपनी ने 25 मई 2021 तक केंद्र से कोरोना वैक्सीन के अपने सभी प्रोडक्ट का कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया है. राज्य सरकारें वैक्सीनेशन प्लान के अनुसार वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन की डोज खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं. 

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सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड
सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वैक्सीन उत्पादन पर सीरम इंस्टीट्यूट का बयान
  • कहा- राज्य सरकारें डायरेक्ट खरीद सकतीं हैं वैक्सीन

कोरोना वायरस महामारी के दौर में वैक्सीन को लेकर सियासत देखने को मिल रही है. सीरम इंस्टीट्यूट (SII) की वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दावा किया कि केंद्र सरकार 24 मई तक के लिए कोविशील्ड वैक्सीन खरीदने वाली है. इसलिए राज्य को ये वैक्सीन नहीं मिल पा रही. साथ ही वैक्सीन की कीमत को लेकर भी विपक्ष द्वारा सवाल उठाए गए. जिसके बाद अब सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से बयान आया है. 

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सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि कंपनी ने 25 मई 2021 तक केंद्र से कोरोना वैक्सीन के अपने सभी प्रोडक्ट का कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया है. राज्य सरकारें वैक्सीनेशन प्लान के अनुसार वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन की डोज खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं. 

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के वैक्सीनेशन के नए चरण के नियम के तहत राज्य सरकार, प्राइवेट अस्पताल सीधे वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन ले सकेंगे. सीरम इंस्टीट्यूट ने बीते दिन अपनी जो रेट लिस्ट जारी की है, उसके मुताबिक, राज्य सरकार को 400 रुपये प्रति डोज, प्राइवेट अस्पताल को 600 रुपये प्रति डोज और केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति डोज के हिसाब से वैक्सीन दी जाएगी.

लेकिन वैक्सीन के अलग-अलग दाम पर कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों ने सवाल खड़े किए हैं. सोनिया गांधी ने कहा है कि जब अस्पतालों में बेड्स, दवाई, ऑक्सीजन की कमी है, ऐसे वक्त में सरकार इस तरह की मुनाफाखोरी की इजाजत कैसे दे सकती है. सीरम इंस्टीट्यूट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के लिए वैक्सीन के अलग-अलग दाम तय किए हैं, इससे सीधा बोझ आम इंसान पर पड़ेगा.

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गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ने बीते दिन अपनी कोविशील्ड वैक्सीन के दाम जारी किए, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के लिए अलग-अलग दाम तय किए गए हैं. इसी मसले पर विपक्ष के कई नेताओं ने केंद्र सरकार की वैक्सीन पॉलिसी पर सवाल खड़े किए हैं.

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