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पश्चिम बंगालः माओवादी पोस्टर लगाने के आरोप में 7 लोग गिरफ्तार, 8वें की तलाश जारी

पश्चिम बंगाल के वेस्ट मेदिनीपुर में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि इन लोगों ने माओवादी पोस्टर लगाए थे. पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी स्थानीय बदमाश हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गिरफ्तार आरोपियो में 5 पश्चिमी मेदिनीपुर के हैं
  • पुलिस को इस केस में 8वें आरोपी की तलाश है

पश्चिम मेदिनीपुर के गंगानी में हाल ही में माओवादी पोस्टर लगाए जाने का मामला सामने आया था. इस संबंध में पुलिस ने गढ़बेटा थाने के अंतर्गत 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि पोस्टर पश्चिम मिदनापुर और झारग्राम में लगाए गए थे. पुलिस ने बताया कि 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 8वें आरोपी की तलाश की जा रही है. 

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पुलिस ने बताया जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, ये सभी स्थानीय बदमाश हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 505 (1)(बी), 505(2), 506, 507, 120बी के तहत FIR दर्ज की गई है. पुलिस ने बताया कि माओवादी पोस्टर लगाने के आरोप में जयंत सामंत, सुशांत घोष, बिकाश गिरी, नांटू मंडल, नारुगोपाल घोरई, प्रोसेनजीत कबीरराज और सीतानाथ महतो शामिल हैं.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. गढ़बेटा पुलिस को एक और संदिग्ध मदन करमाकर निवासी झारग्राम की तलाश है. इन सभी आरोपियों पर माओवादी पोस्टर लगाने का आरोप है.

पुलिस के मुताबिक जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, इसमें से 5 आरोपी पश्चिमी मेदिनीपुर के रहने वाले हैं, जबकि दो आरोपी झारग्राम के रहने वाले हैं. इसके साथ ही इन आरोपियों का माओवादियों से कोई संबंध नहीं है. सभी लोग स्थानीय बदमाश हैं. 

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विधायक के पीए समेत तीन गिरफ्तार

वहीं नादिया के TMC विधायक प्रबीर कयाल के पीए और दो अन्य लोगों को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दक्षिण 24 परगना के रैडीघी से विभिन्न सरकारी सेवाओं की भर्ती में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने विधायक प्रबीर कयाल के पीए तापस साहा और श्यामल कयाल और सुनील मंडल को गिरफ्तार किया गया है.

ACB की ओर से जानकारी दी गई कि विधायक के पीए समेत तीनों आरोपियों ने अलग-अलग अभ्यर्थियों से सरकारी नौकरी के लिए रिश्वत ली थी. उधर, TMC विधायक ने प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे लोग (गिरफ्तार आरोपी) सरकार को शर्मसार करते हैं और अगर वे दोषी साबित होते हैं तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए.

तापस ने कहा, "अगर मेरे पीए नौकरी दिलाने के बहाने लोगों से पैसे लिए हैं तो कानून उनके खिलाफ अपना काम करेगा. ऐसे काम को पार्टी या प्रशासन बर्दाश्त नहीं कर सकता." 

 

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