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बृज भूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में नए सिरे से दलीलें सुनेगी कोर्ट, जज के ट्रांसफर के बाद फैसला

महिला पहलवानों द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले पर दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट एक बार फिर से दलीलें सुनेगी. कारण, मामले में जिस जज ने सुनवाई की थी, उनका ट्रांसफर हो चुका है. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ही पहले इस मामले की सुनवाई कर रहे थे.

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बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर छह महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है
बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर छह महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है

बीजेपी सांसद बृज भूषण सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले पर दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट एक बार फिर से दलीलें सुनेगी. कारण, मामले में जिस जज ने सुनवाई की थी, उनका ट्रांसफर हो चुका है. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ही पहले इस मामले की सुनवाई कर रहे थे. 

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हालांकि अब उनका एक अलग कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है. इसलिए मामले की सुनवाई एसीएमएम प्रियंका राजपूत कर रही हैं. कोर्ट ने बुधवार को कहा कि चूंकि आरोप तय करने पर दलीलें पूर्ववर्ती न्यायाधीश ने सुनी थीं, इसलिए इसे नए सिरे से सुनने की जरूरत है.

पूर्ववर्ती न्यायाधीश एसीएमएम हरजीत सिंह जसपाल पहले ही सभी संबंधित पक्षों की व्यापक दलीलें सुन चुके थे. मामला फैसला सुरक्षित रखने से पहले आखिरी दलीलें सुनने के चरण में था. इससे पहले दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया था कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख को पता था कि वह क्या कर रहे हैं और उनका इरादा पहलवानों की गरिमा को ठेस पहुंचाना था.

उन्होंने यह भी बताया था कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ तीन तरह के सबूत हैं जो आरोप तय करने के लिए काफी हैं. इनमें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत धारा 161 (पुलिस द्वारा गवाहों की जांच) और 164 (मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किए गए बयान) के तहत एक लिखित शिकायत और दो दर्ज किए गए बयान शामिल हैं.

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वहीं बृज भूषण की ओर से पेश हुए वकील राजीव मोहन ने अदालत को बताया था कि एथलीट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, क्योंकि उन्होंने अनियमितताओं और खेल पर ध्यान न देने के कारण पहलवान की जांच की थी.

मोहन ने तर्क दिया था कि ये आरोप एक पहलवान के खिलाफ शरण की अनुशासनात्मक कार्रवाइयों से उपजे हैं, जो खेल पर सोशल मीडिया पर उनके ध्यान को उजागर करता है. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि बृजभूषण के खिलाफ ऐसे आरोप लगाए जाएंगे क्योंकि उन्होंने पहलवान द्वारा की गई अनियमितताओं की ओर इशारा किया था और उनके ट्वीट के लिए उन्हें डांटा था.

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद के खिलाफ 15 जून को धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने 20 जुलाई को बृज भूषण सिंह और निलंबित डब्ल्यूएफआई के अतिरिक्त सचिव विनोद तोमर को जमानत दे दी थी.

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