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बर्क बोले- ज्ञानवापी पर हो रही है ध्रुवीकरण की कोशिश, केंद्रीय मंत्री बोलीं- नंदी को है महादेव का इंतजार

ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से आज आए फैसले के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही है. बीजेपी के तमाम नेता जहां इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, तो वहीं सपा सांसद बर्क ने कोर्ट के फैसले पर ही सवाल उठाए हैं.

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शफीकुर्रहमान बर्क, साध्वी निरंजन ज्योति और मनोज तिवारी
शफीकुर्रहमान बर्क, साध्वी निरंजन ज्योति और मनोज तिवारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा ज्ञानवापी सर्वे पर दिए गए फैसले से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. हिंदू पक्ष जहां इसे अपनी जीत बता रहा है तो मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम जाने का निर्णय लिया है. कोर्ट के इस फैसले पर राजनीतिक जगत से लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. अधिकतर नेताओं ने कोर्ट के फैसले पर सम्मान जाहिर किया है तो कुछ ने फैसले पर सवाल भी उठाए हैं.

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सपा सांसद का बयान

सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट का फैसला मान्य है, उम्मीद है ASI सही SURVEY करेंगे. हसन ने कहा, 'इंसानियत को मिलाने की जरूरत है. 350 साल से वहां 5 वक्त नमाज होती है उसे मस्जिद न कहें तो क्या कहें.' वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने कहा, 'बढिया है. यहां सब कुछ ऐसे ही होगा. मंदिर हो या मस्जिद हो, पर मालिक तो सबका एक ही है. बाकि कोर्ट तय करेगा.'

 मनोज तिवारी बोले- सच आएगा सामने

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, 'यह स्वागत योग्य फैसला है जो इलाहाबाद हाईकोर्ट से आया है. सिर्फ काशी के लोगों को नहीं बल्कि पूरे दुनिया के लोगों के लिए यह खुशी का समाचार है जो लोग काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी का सच जानना चाहते हैं. मैं कुछ दिनों पहले वाराणसी गया था और वहां पर लोग चाहते थे कि इस तरीके का सर्वे हो. इस फैसले के बाद लोगों का न्याय में विश्वास बढ़ा है.मैं एएसआई की कमेटी का सदस्य हूं और उस पर अगर कोई सवाल उठाएं तो उनकी नियत में खोट नजर आती है और एएसआई का सर्वे सच्चाई सामने लाएगा.'

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भाजपा सांसद लक्ष्मी कांत बाजपेयी ने कहा, 'मुस्लिम समाज से अनुरोध है कि अब सच सामने आने दे. सच को स्वीकार करने की हिम्मत दिखाएं.इसको राजनीति से न देखें. ऐतिहासिक तथ्यों को झुठलाकर जो भ्रम पैदा किया गया था , उस भ्रम का अगर निपटारा हो रहा है तो अच्छा है.'

बर्क ने उठाए सवाल

वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर आजतक से बातचीत करते हुए सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि कोर्ट इस मामले में जबरदस्ती अपनी टांग अड़ा रहा है. सीएम योगी के बयान को खारिज करते हुए बर्क ने कहा कि मुसलमानों की ऐतिहासिक भूल नहीं है. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा के लिए माहौल का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की जा रही है.मुसलमान मस्जिद में नमाज़ पढ़ते हैं, यह हमारा इबादतगाह है.

साध्वी बोलीं- नंदी कर रही है महादेव का इंतजार

केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'कोर्ट तो सबूत के आधार पर चलता है. किसी मस्जिद में लक्ष्मी मां की मूर्ति नहीं होती है. मस्जिद में त्रिशूल नहीं होता है. हमें उम्मीद है कि सब कुछ हिन्दुओं के फैसले में ही होगा क्योंकि वहां नंदी इंतजार कर रहे हैं शिव भगवान का. मस्जिद में कभी कमल का फूल देखा है ?'

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ज्ञानवापी आदेश पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, 'सनातन के लिए महत्वपूर्ण फैसला है. यह मुगल बादशाहों के खिलाफ फैसला है. अब लोगों के सामने सच्चाई लाने का समय आ गया है. हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. यह केवल एक मंदिर है, मस्जिद तो कतई नहीं है. मुसलमानों को आगे आना चाहिए और उन हिंदू समूहों को यह बात बतानी चाहिए कि हम भी इस बात में विश्वास रखते हैं.'

 

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