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मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में शाहरुख खान के बेटे आर्यन को NCB चार्जशीट में क्लीन चिट मिल गई है. इसी के साथ एक बार फिर से समीर वानखेड़े का नाम चर्चा में आ गया है. वानखेड़े उस वक्त इस मामले में जांच अधिकारी थे. लेकिन अब आर्यन खान को क्लीनचिट मिलने के बाद NCB के डीजी एस.एन प्रधान ने माना है कि इस मामले में समीर वानखेड़े और उनकी टीम से गलती हुई है.
इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने सक्षम अधिकारी से मुंबई एनसीबी के अधिकारी रहे समीर वानखेड़े के खिलाफ आर्यन खान ड्रग्स बरामदगी मामले में उनकी खराब जांच के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा है. समीर वानखेड़े के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में सरकार पहले से ही कार्रवाई कर रही है.
बता दें कि एक समय में सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार करने के बाद कुछ लोगों ने समीर वानखेड़े को हीरो की तरह पेश करने की कोशिश की थी. सोशल मीडिया पर उनके तारीफ में कई पोस्ट वायरल हो रहे थे. उन्हें बॉलीवुड एक्टर के बेटे के साथ सख्ती से पेश आने के लिए कुछ लोग तारीफ कर रहे थे. उनके पुराने किस्से भी सामने आने लगे थे, जब उन्होंने स्टार्स के साथ एयरपोर्ट पर जांच के दौरान सख्ती की थी.
लेकिन फिर कुछ दिनों बाद आर्यन खान को जमानत मिल गई और समीर वानखेड़े के खिलाफ एक के बाद एक नए आरोप सामने आने लगे. इसी कड़ी में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के आरोप भी उन पर लगे. आइए सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं पूरा मामला..
दरअसल, एनसीबी ने 2 अक्टूबर को मुंबई में क्रूज शिप में छापेमारी की थी. इसमें आर्यन खान सहित उनके दो दोस्तों- अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धामेचा को अरेस्ट किया गया था. इसके बाद 3 अक्टूबर को कोर्ट से 4 अक्टूबर तक रिमांड ली गई. 4 अक्टूबर को कोर्ट ने आर्यन को 7 अक्टूबर तक के लिए एनसीबी की रिमांड पर भेज दिया. बार-बार जमानत अर्जी खारिज होने के चलते आर्यन खान को 26 दिन जेल में बिताने पड़े. लेकिन इसी दौरान समीर वानखेड़े की जांच पर सवाल भी उठने लगे और मामले ने सियासी रंग ले लिया.
फर्जी जाति प्रमाण पत्र का आरोप
समीर वानखेड़े पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगा है. इसकी जांच अभी चल रही है. आरोप है कि वानखेड़े ने नौकरी पाने के लिए खुद को SC बताया था. उन्होंने आरक्षण पाने के लिए फर्जी कागज दिखाए थे.
इतना ही नहीं उनके बर्थ सर्टिफिकेट पर भी सवाल उठे हैं. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाए थे कि जन्म प्रमाण पत्र में समीर वानखेड़े का नाम 'समीर दाऊद वानखेड़े' है. उन्होंने अपने जन्म प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ की है. इसी आधार पर जाति प्रमाण पत्र निकाला गया. हालांकि, वानखेड़े के पिता ने आरोपों को गलत बताया था.
इसके साथ ही समीर वानखेड़े पर उम्र छिपाकर बार का लाइसेंस लेने का भी आरोप है. इसको लेकर उनके ऊपर ठाणे में FIR भी दर्ज हुई थी. दावा किया गया कि वानखेड़े ने 17 साल की उम्र में ही बार का लाइसेंस हासिल कर लिया था.
आर्यन केस में डिलिंग की कोशिश का आरोप
आर्यन केस के गवाह प्रभाकर ने 'आजतक' से बातचीत में कहा था कि उन्होंने केस के स्वतंत्र गवाह किरण गोसावी को सैम डिसूजा से बात करते सुना था, जिसमें 25 करोड़ की डील हो रही थी. इसको महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक का कहना था कि इस केस के सभी किरदार समीर वानखेड़े, केपी गोसावी, प्रभाकर और समीर वानखेडे के ड्राइवर की जांच होनी चाहिए.
ऐसे तमाम विवादों के बीच 4 जनवरी 2022 को NCB के मुंबई जोनल डायरेक्टर के पद से समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) की विदाई हो गई. उन्हें वापस डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) भेज दिया गया.
समीर वानखेड़े का करियर
आपको बता दें कि वानखेड़े 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं. भारतीय राजस्व सेवा ज्वाइन करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डिप्टी कस्टम कमिश्नर के तौर पर हुई थी. बाद में उन्हें आंध्र प्रदेश और फिर दिल्ली भी भेजा गया.
उन्हें नशे और ड्रग्स से जुड़े मामलों का विशेषज्ञ माना जाता था. समीर वानखेड़े के नेतृत्व में ही दो साल के अंदर करीब 17 हजार करोड़ रुपये के नशे और ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया गया था. 2020 में वानखेड़े को डीआरआई से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में ट्रांसफर किया गया था.
(इनपुट- कमलजीत संधू)