पश्चिम बंगाल में उत्तरी 24 परगना जिला के बशीरहाट में एक इलाका है संदेशखाली. बीते एक महीने से इस इलाके की जमीन सियासी अखाड़ा बनी हुई है. चीख-पुकार, संघर्ष, तनाव, विरोध-प्रदर्शन और राजनीतिक-प्रशासनिक अमलों की आवाजाही इस इलाके की नियति बनी हुई है. हिंसा हो जाना तो यहां आम है और इसीके साथ सनसनीखेज आरोपों के सिलसिले ने सत्ता और समाजल दोनों को हिला कर रख दिया है. आरोप है महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है, और बड़े पैमाने पर हुआ है.
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हिंसा के बाद हंगामा जारी
बता दें कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हिंसा के बाद हंगामा जारी है. यहां महिलाओं ने TMC नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इसके अलावा बीते दिनों महिलाओं ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था और इसके बाद सड़क से विधानसभा तक संदेशखाली का मामला गूंजा था, लिहाजा अब संदेशखाली को लेकर गहमा-गहमी की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में संदेशखाली का गुनाहगार कौन है और इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
क्या बोलीं ममता बनर्जी?
संदेशखाली में क्या कार्रवाई हुई है, इसका जवाब सीएम ममता बनर्जी ने दिया है. ममता बनर्जी ने कहा कि क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए एक भयानक साजिश रची जा रही है और राज्य सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं. उन्होंने आगे कहा कि 7-8 साल पहले संदेशखाली में दंगे हुए थे और यहां आरएसएस की मौजदूगी है. बनर्जी ने राज्य विधानसभा में कहा कि अशांत संदेशखाली क्षेत्र में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा.
ममता के बयान पर बीजेपी ने घेरा
यहां ममता बनर्जी ने जैसे ही 17 लोगों की गिरफ्तारी की बात कही तो बीजेपी ने इस बात पर भी उन्हें घेर लिया. बीजेपी ने निशाना साधते हुए कहा कि, जब आपके मुताबिक संदेशखाली में कुछ हुआ ही नहीं तो फिर 17 लोगों की गिरफ्तारी क्यों हुई. वो कौन लोग हैं जिनकी गिरफ्तारी हुई है. इसी बात की जांच-पड़ताल के लिए बीजेपी संदेशखाली में अपनी फैक्ट फाइडिंग टीम भेज रही थी, जिसे लेकर उनकी पुलिस से झड़प भी हुई, लेकिन यह सवाल तो बाकी है कि संदेशखाली में किन 17 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
TMC नेता शिबू हाजराः संदेशखाली मामले में टीएमसी नेता सिबाप्रसाद हाजरा उर्फ शिबू हाजरा की गिरफ्तारी हो चुकी है. गिरफ्तार टीएमसी नेता सिबाप्रसाद हाजरा उर्फ शिबू हाजरा के खिलाफ संदेशखाली पुलिस स्टेशन में रेप की एक नई शिकायत भी दर्ज की गई है. राष्ट्रीय महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद सोमवार को शिकायत दर्ज की गई है. स्थानीय सूत्र का कहना है, गांव की एक महिला ने शिबू हाजरा के खिलाफ बलात्कार की लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद एनसीडब्ल्यू ने उसके आवास का दौरा किया और उसे बिना किसी डर के शिकायत दर्ज करने का विश्वास दिलाया. जिसके बाद संदेशखाली पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 376 के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया है.
TMC नेता उत्तम सरदारः संदेशखाली मामले में टीएमसी नेता उत्तम सरदार की भी गिरफ्तारी हुई है. उन्हें 10 फरवरी को छेड़छाड़ मामले में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि उत्तम को बशीरहाट डिविजनल कोर्ट ने जमानत दे दी, लेकिन उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और बशीरहाट पुलिस स्टेशन ले जाया गया था. रिहा होने के तुरंत बाद पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में टीएमसी नेता उत्तम सरदार को दोबारा गिरफ़्तार कर लिया गया.
BJP नेता विकास सिंहः बशीरहाट संगठनात्मक जिले के पूर्व अध्यक्ष विकास सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने उन्हें बीते शनिवार को उठाया है. बीजेपी नेता विकास सिंह को दोबारा गिरफ़्तार करने के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और सेंट्रल फ़ोर्सेज़ और पुलिस के साथ हल्की धक्कामुक्की भी हुई.
शाहजहां शेख अभी भी गिरफ्तारी से दूर: संदेशखाली में हाल के दिनों में स्थानीय टीएमसी नेता शेख शाहजहां के विरोध में बड़ी संख्या में महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था. महिलाओं ने शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों पर जबरन अपनी जमीनें हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. संदेशखाली के दो ब्लॉकों की 16 पंचायतों में धारा 144 लागू कर दी गई थी. सामान्य स्थिति बहाल होने तक उस क्षेत्र में इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था.
इसके अलावा संदेशखाली मामले में कौन-कौन गिरफ्तार हुआ है, इस बारे में जानकारी नहीं मिली है. हालांकि TMC ने 17 लोगों के गिरफ्तारी की बात कही है.
संदेशखाली में अबतक क्या-क्या हुआ?
शाहजहां शेख और उसके गुर्गे करते थे यौन शोषण
टीएमसी के फरार नेता शाहजहां शेख पर गंभीर आरोप लगे हैं.ये वही शाहजहां शेख है जिस पर पहले भी संदेशखाली इलाके में दंगे का आरोप लगा था. इसी शाहजहां शेख के ठिकाने पर जब ईडी की टीम छापा मारने पहुंची थी तो उसने ईडी टीम पर जानलेवा हमला कराया था.लेकिन हैरानी की बात है कि, सीएम ममता बनर्जी अपने फरार नेता के बचाव में उतर आईं हैं.
5 जनवरी- राशन वितरण में भ्रष्टाचार के आरोप पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शाहजहां के घर तलाशी अभियान चलाई. शाहजहां के गिरोह ने उस दिन ईडी अधिकारियों पर हमले किए. इस मामले में टीएमसी के ब्लॉक प्रमुख शिबू हाजरा और जिला परिषद सदस्य और तृणमूल के क्षेत्रीय अध्यक्ष (अब निष्कासित) उत्तम सरदार का नाम सामने आया था.
7 फरवरी- शाहजहां की सेना पर अत्याचार और भूमि कब्जा करने के आरोपों के कारण संदेशखाली में दंगे भी हुए. महिलाओं ने बांस, कतरी, खूंटी, लाठी लेकर विरोध प्रदर्शन किया. अगले दिन शिबू के बगीचे और पोल्ट्री फार्म में तोड़फोड़ की गई. संदेशखाली की महिलाओं की शिकायत थी कि शिबू हाजरा उन्हें रात में मीटिंग के नाम पर बुलाते थे. उन पर अत्याचार करते थे.
10 फरवरी- तृणमूल नेता पार्थ भौमिक ने रेड रोड रैली से उत्तम सरदार को 6 साल के लिए निलंबित करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर लिया गया है. कुछ ही घंटों बाद उत्तम सरदार को छेड़छाड़ के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.
12 फरवरी- उत्तम को बशीरहाट डिविजनल कोर्ट ने जमानत दे दी. उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और बशीरहाट पुलिस स्टेशन ले जाया गया. इस बीच, पुलिस ने महिलाओं की शिकायतों की जांच के लिए 10 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया. दूसरी ओर, शिबू हाजरा का कोई पता नहीं चला है.
15 फरवरी- संदेशखाली की महिलाओं की शिकायत को तृणमूल शुरू से ही खारिज करती रही है. इस दिन विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा, ''मैं चेहरे पर मास्क पहनकर तस्वीरें ले रही थी. बाहर से लोगों को लाकर इलाके को अशांत करने की कोशिश की गई.
17 फरवरी- पुलिस ने उत्तम और शिबू के खिलाफ दर्ज मामले में सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास को जोड़ा. इसके बाद तृणमूल नेता शिबू हाजरा को गिरफ्तार कर लिया गया. राज्य पुलिस के एडीजी (दक्षिण बंगाल) और बारासात के डीआइजी का तबादला कर दिया गया. DIG सुमित कुमार ने भास्कर मुखोपाध्याय को हटाया.