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तृणमूल कांग्रेस के नेता रहे शाहजहां शेख को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया. उस पर महिलाओं के उत्पीड़न से लेकर जमीन कब्जाने और तीन बीजेपी समर्थकों की हत्या करने जैसे कई संगीन आरोप हैं. गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने शाहजहां को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है.
लेकिन हैरानी वाली बात है कि शाहजहां के खिलाफ दर्ज अधिकतर मामलों में या तो मामले की चार्जशीट ही उपलब्ध नहीं है या फिर उसके खिलाफ जांच लंबे समय से लंबित है. इंडिया टुडे के पास ऐसे पुख्ता डॉक्यूमेंट्स हैं, जिनसे पुष्टि होती है कि शाहजहां पर ढेरों केस दर्ज होने के बावजूद प्रशासन ने संदेशखाली के इस माफिया के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया.
इसी बात को ध्यान में रखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने शाहजहां के मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने शाहजहां के वकील को बताया कि शेख शाहजहां के खिलाफ लगभग 43 केस हैं. अगले दस सालों तक ये शख्स आपको व्यस्त रखेगा. आपको अगले दस साल में इस शख्स के सभी केस देखने होंगे.
हत्या के मामले पर जांच रफा-दफा
जून 2019 में शाहजहां और 24 अन्य के खिलाफ नजरत पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. ये एफआईआर देबदास मंडल, उसके पिता प्रदीप मंडल और एक अन्य शख्स सुकाता मंडल की हत्या को लेकर दर्ज की गई थी. ये लोग कथित तौर पर बीजेपी के समर्थक थे.
एफआईआर में कहा गया है कि शाहजहां की अगुवाई में लगभग 150 लोग मंडल के घर में घुसे. इन लोगों के पास हथियार थे. इन्होंने मंडल के पूरे घर में तोड़फोड़ की. इस दौरान देबदास के पिता प्रदीप मंडल की हत्या कर दी और घर को आग लगा दी. जब देबदास मंडल ने भागने की कोशिश की तो पकड़कर उसकी पिटाई की गई. उसका शव बाद में नदी के किनारे से बरामद किया गया. वहीं, लोगों का एक अन्य समूह सुकाता मंडल की दुकान में घुसा और उसकी भी हत्या कर दी.
इंडिया टुडे की पड़ताल में पता चला है कि इस मामले की चार्जशीट उपलब्ध ही नहीं है. शाहजहां के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर भी डिलीट कर दी गई है.
यह भी पता चला कि पुलिस ने इस मामले में शाहजहां से कभी पूछताछ भी नहीं की. वहीं, आर्म्स एक्ट के तहत शाहजहां के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उसके खिलाफ जांच लंबित है. एफआईआर में नामजद 23 लोगों में सिर्फ छह पर आरोप लगाए गए.
चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी एक्शन नहीं
25 अगस्त 2022 को सरबेरिया में राज्य विद्युत वितरण बोर्ड के स्टेशन मैनेजर के ऑफिस में 10 लोग घुस गए थे और कुछ कर्मचारियों की पिटाई कर दी. इस मामले में शाहजहां के खिलाफ दर्ज किया गया था. इस मामले में 15 अक्टूबर 2022 को चार्जशीट दाखिल की गई थी और कोर्ट ने वारंट भी जारी किया था. हालंकि, उसके बाद भी आगे कोई एक्शन नहीं लिया गया.
शाहजहां की अगुवाई में 700 लोगों ने सरबेरिया में बसंती हाईवे को ब्लॉक कर बिजली के बढ़े हुए बिल को लेकर प्रदर्शन किया था. इसके बाद इस मामले में एक और एफआईआर दर्ज की गई थी. ये प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया था, जब भीड़ की पुलिस से झड़प हो गई थी और भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया था. इस घटना में कुछ पुलिसकर्मियों की पिटाई भी की गई थी. हालांकि, इस मामले में भी शाहजहां के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया.
शाहजहां 55 दिन के बाद हुआ गिरफ्तार
शाहजहां को 55 दिनों की फरारी के बाद गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने उसे 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. उसे उत्तर 24 परगना के मिनाखान इलाके से उठाया गया, जहां वह अपने सहयोगियों के साथ छिपा हुआ था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में शाहजहां के खिलाफ कार्रवाई में देरी को लेकर बंगाल पुलिस की आलोचना की थी. इसके कुछ दिन बाद ही शाहजहां की गिरफ्तारी हुई है. अदालत ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा था कि शाहजहां की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए.
संदेशखाली की महिलाओं ने शेख पर लगाए हैं संगीन आरोप
संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जमीन हड़पने और जबरदस्ती यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. शेख और उसके साथियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर इस क्षेत्र में महिलाएं गत एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.