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शरद पवार से मिले केजरीवाल, अध्यादेश के खिलाफ एनसीपी से मिला समर्थन

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को महाराष्ट्र में एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को लेकर चर्चा की है. इस मुलाकात के बाद तय हुआ कि विपक्षी दलों को राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करना चाहिए.

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दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, एनसीपी चीफ शरद पवार (फाइल फोटो)
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, एनसीपी चीफ शरद पवार (फाइल फोटो)

दिल्ली में सरकार और केंद्र के बीच जारी जंग सोमवार को महाराष्ट्र पहुंच गई. सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजाब सीएम भगवंत मान और आप नेता राहुल गांधी के साथ एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद सभी ने एक संयु्क्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें इस दौरान हुई बातचीत का ब्यौरा सामने रखा साथ ही चुनी हुई सरकार बनाम एलजी के मुद्दे व केंद्र सरकार के अध्यादेश लाने पर अपना स्टैंड भी क्लियर किया.  

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8 साल तक लड़ी है अधिकारों की लड़ाई
इस मीटिंग के बाद सीएम केजरीवाल मीडिया के सामने आए और कहा कि 'उन्होंने 8 साल तक दिल्ली के अधिकारों की लड़ाई लड़ी है. हमसे लगातार शक्तियां छीनने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि संसद में बिल पास होने नहीं देना है, गैर बीजेपी दल साथ आएं तो अध्यादेश गिर जाएगा. ये अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाया गया है. राज्यसभा में अगर बिल गिर जाता है, तो इसे 2024 का सेमीफाइनल मानिए, बीजेपी सरकार नहीं आने वाली है.' 

दिल्ली की जनता के साथ हो रहा है अन्याय: केजरीवाल
उन्होंने कहा कि, हमने एनसीपी और हमारी पार्टी के सभी नेताओं के साथ बैठक की. दिल्ली की जनता के साथ बहुत अन्याय हो रहा है. 2015 से 2023 तक हम कोर्ट में केस लड़ रहे हैं. 8 साल बाद 5-0 से दिल्ली की जनता के पक्ष में फैसला आया. आदेश हमारे पक्ष में था. 8 दिनों के भीतर वे हमारी शक्ति को छीनने के लिए अध्यादेश लाए. यह बिल के रूप में आएगा. हम दिल्ली के लोगों का समर्थन करने के लिए अपने देश की प्रत्येक पार्टी के पास जा रहे हैं. सीएम केजरीवाल ने कहा कि, 'मैं शरद पवार और उनके नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि जब राज्यसभा में बिल आएगा तो वे इसका विरोध करेंगे और बिल को पास नहीं होने देंगे.

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'देश में स्थिति है खराब'
देश में इस समय स्थिति बहुत खतरनाक है. हमने हाल ही में कैसे महाराष्ट्र में और साथ ही धन बल और ED के बल पर महाराष्ट्र में सरकार को तोड़ा.'लोग पूछ रहे हैं कि क्या यही विपक्ष की एकता है. यह एकता उन लोगों की है जो हमारे देश से प्यार करते हैं. शरद पवार हमारे देश के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. हमने उनसे अनुरोध किया है कि वह अन्य पार्टियों से भी हमारा समर्थन करने के लिए कहेंगे.'

लोकतंत्र बचाने की मुहिम: भगवंत मान
वहीं, इस मौके पर पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा कि 'हमें लोकतंत्र को बचाना है. यह लड़ाई दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को बचाने की है. ये लोग इस लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. भगवंत मान ने सवाल उठाया कि देश कौन चलाएगा, चुनिंदा लोग या या चुने हुए लोग? पंजाब में भी वे पानी, पुलिसिंग और हर काम में दखलअंदाजी करते हैं. शरद पवार प्रॉब्लम सेवर हैं. उनके अनुभव से हम उनसे लोकतंत्र बचाने की गुजारिश करेंगे. वह कर सकता हैं.

विपक्षी दल लड़ें अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई: एनसीपी
एनसीपी ने इस मसले पर कहा कि, 'सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी दिल्ली सरकार के सारे अधिकार छीने जा रहे हैं. केंद्र सरकार ने फैसले को खत्म करने के लिए अध्यादेश लाया. बाद में लोकसभा और राज्यसभा में अध्यादेश लाया जाएगा. हमने इसी मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की थी. हमने तय किया है कि सभी विपक्षी दलों को अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए. चुनी हुई सरकार की शक्ति कैसे छीनी जा सकती है? इसका सीधा असर दिल्ली के कामकाज पर पड़ेगा. हम लोकसभा में संख्या जानते हैं लेकिन राज्यसभा में सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए.'

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