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NCP के साथ 2019 में गठबंधन चाहते थे PM मोदी, पवार के दावे पर BJP बोली- वो हमेशा सच नहीं बोलते

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते थे कि 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा और उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एक साथ आएं. भाजपा ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि पवार हमेशा सच बोलने के लिए नहीं जाने जाते हैं.

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Sharad pawar
Sharad pawar
स्टोरी हाइलाइट्स
  • BJP बोली- पवार हमेशा सच नहीं बोलते
  • 2019 में गठबंधन चाहते थे PM मोदी: NCP चीफ

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते थे कि 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा और उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एक साथ आएं. भाजपा ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि पवार हमेशा सच बोलने के लिए नहीं जाने जाते हैं.

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पवार ने बुधवार को पुणे में मराठी दैनिक लोकसत्ता द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह दावा किया. एनसीपी नेता ने कहा कि उन्होंने पीएम से कहा था कि दोनों पार्टियों का एक साथ आना संभव नहीं है. पवार की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना सांसद संजय राउत, जिनकी पार्टी महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करती है, ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा सत्ता के लिए बेताब थी और इसके लिए किसी का भी हाथ पकड़ने को तैयार थी.

2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर लंबे समय से सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया. लोकसत्ता कार्यक्रम में, पवार ने कहा कि उन्होंने और पीएम मोदी ने बैठकें कीं. उन्होंने कहा, "उनकी इच्छा थी कि हम (राकांपा और भाजपा) साथ आएं. हालांकि, मैं उनके (प्रधानमंत्री के) कार्यालय गया और उनसे कहा कि यह संभव नहीं है. मैंने उनसे कहा कि हम उन्हें अंधेरे में नहीं रखना चाहते. हमारा रुख अलग है.

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पीएम की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर, पवार ने कहा कि मोदी ने उनसे "इस पर विचार करने'' के लिए कहा था. पवार के इस दावे पर टिप्पणी करते हुए, राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने आश्चर्य जताया कि इस जानकारी को प्रकट करने में पवार को इतना समय क्यों लगा. पाटिल ने कहा, "मोदी और पवार बहुत वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए हम जैसे लोगों के लिए यह पता लगाना मुश्किल होगा कि उनके बीच क्या बातचीत हुई थी।"

पाटिल ने कहा, 'लेकिन अगर ऐसा प्रस्ताव कभी (मोदी द्वारा) दिया गया होता, तो मुझे नहीं लगता कि पवार इतने अनिर्णायक थे कि उन्होंने इसे खारिज कर दिया होता.' उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि पवार हमेशा सच बोलने के लिए जाने जाते हैं."  इधर, राकांपा प्रवक्ता और राज्य अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया कि भाजपा 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने के लिए पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहती थी. मैं तब भी मौजूद था."

 

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