केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ किसान पिछले 11 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके विराध प्रदर्शन में उन्हें कई राजनीतिक पार्टियों का समर्थन भी मिल रहा है. इसी बीच किसान विरोध पर पूर्व कृषि मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भाजपा को परिपक्वता दिखानी चाहिए .
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान बड़े पैमाने पर चावल और गेहूं उपलब्ध करा रहे हैं. भारत 13 देशों को खाद्यान्न निर्यात कर रहा है जिसमें पंजाब और हरियाणा एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. यदि पंजाब और हरियाणा के किसान सरकार का विरोध कर रहे हैं तो इसका संज्ञान लिया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है.
शरद पवार ने कहा कि अगर किसानों की मांगों पर विचार नहीं होता है तो यह आंदोलन दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा और सभी लोग जल्द ही किसानों का समर्थन करेंगे, इसलिए सरकार परिपक्वता के साथ काम करे.
बता दें कि शनिवार को किसान और केंद्र सरकार के बीच पांचवे दौर की बातचीत हुई है. हालांकि, इसके बाद भी किसी तरह का कोई नतीजा नहीं निकला है. इसी बीच किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा कर दी है.
किसानों के भारत बंद को कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये सिर्फ किसानों की लड़ाई नहीं बल्कि पूरे देश की है. तेलंगाना और तमिलनाडु से भी कई पार्टियों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है, वहीं, कर्नाटक के किसान भी इस आंदोलन के समर्थन में आ गए हैं.