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शरद पवार क्यों चाहते हैं कि कांग्रेस अदाणी पर सवाल न करे?: दिन भर, 10 अप्रैल

अदाणी और पीएम के डिग्री विवाद पर शरद पवार ने कांग्रेस से अलग स्टैंड क्यों लिया है, क्या ये महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन में मुसीबत की आहट है? सजा होने के बाद राहुल गांधी पहली बार वायनाड का दौरा कर रहे हैं, क्या मैसेज देने की कोशिश होगी? देश में बाघों की संख्या का बढ़ना 'सेव टाइगर्स मिशन' के लिए कितनी बड़ी सफलता है? रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा भारत दौरे पर हैं. क्या है उनके दौरे का मकसद, सुनिए आज के 'दिन भर' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.

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sharad pawar mva maharashtra politics
sharad pawar mva maharashtra politics

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना(उद्धव) के लिए आपसी तालमेल अब चुनौती बन रहा है. पहले सावरकर पर राहुल गांधी के बयान से उद्धव ठाकरे ने खुद को अलग किया और उन्हें नसीहत ही दे डाली. उसके तकरीबन दस दिन बाद ही शरद पवार भी उसी राह पर हैं. पहले पवार ने अदाणी मुद्दे पर विपक्ष की JPC की मांग को बेकार बताया था. और अब PM मोदी की डिग्री विवाद पर अपनी अलग राय दी है. पवार ने कहा कि किसकी क्या डिग्री है ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है और सरकार की आलोचना बेरोजगारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर होनी चाहिए.  

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अघाड़ी में बात किसने बिगाड़ी?

अदाणी और मोदी की डिग्री पर पवार का ये अलग रुख महाराष्ट्र की राजनीति के लिए कांग्रेस के लिए परेशानी का कारण बन सकता है. सवाल ये भी उठने लगे हैं कि क्या पवार कांग्रेस के बगैर सियासी राह देख रहे हैं और इसका एमवीए के भविष्य पर क्या असर पड़ सकता है? क्या पवार को किसी सियासी नुक़सान का अंदेशा है जो वह विपक्ष की लीक से अलग अपनी लाइन ले रहे हैं, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.


 वायनाड में राहुल का शक्ति प्रदर्शन

लोकसभा सदस्यता गंवाने के बाद राहुल गांधी के पॉलिटिकल करियर पर प्रश्न चिह्न लगा हुआ है. मानहानि मामले में दो साल की सजा के खिलाफ पिछले हफ़्ते सूरत कोर्ट से उन्हें फौरी राहत मिली थी और उनकी जमानत 13 अप्रैल तक बढ़ा दी गई थी. इस बीच कल राहुल गांधी अपनी पुरानी लोकसभा सीट वायनाड का दौरा करने जा रहे हैं. उनके साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी होंगी. तो वायनाड में राहुल के दौरे के लिए कांग्रेस ने क्या तैयारियां की है और उनके साथ प्रियंका गांधी के होने के पीछे क्या कोई मैसेज देने की कोशिश भी है, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.

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टाइगर बढ़े पर और क्या बाक़ी 

यूं तो हमारे चारों ओर तमाम जीव जंतु हैं लेकिन जब कभी भी जिक्र बाघ या यूं कहें कि टाइगर का होता है तो बात गिनती तक अटक जाती है. एक समय ऐसा आया था जब पूरी दुनिया में बाघों की संख्या तेज़ी से लगातार गिरती चली जा रही थी. बड़े पैमाने पर अवैध शिकार और कोई सुरक्षा न होने की वजह से इस प्रजाति के विलुप्त होने का खतरा भी मंडराने लगा था. ऐसे में देश की तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने इनके संरक्षण का जिम्मा संभाला. साल 1973 में भारत सरकार ने बाघों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट टाइगर को शुरू किया था. 

इस साल 9 अप्रैल को इस प्रोजेक्ट के 50 साल पूरे हो गए. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के बांदीपुर और मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व पहुंचे थे..पीएम ने देश में बाघों की संख्या का नया आंकड़ा जारी किया. तो नए आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में बाघों की संख्या बढ़कर 3,167 हो गई है. 2018 में बाघों की संख्या 2,967 थी वहीं 2014 में ये संख्या 2,226 थी. बीते चार सालों में बाघों की संख्या 6.7 फ़ीसदी बढ़ गई है. पर क्या वाकई ये आंकड़े प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता को दिखाते हैं और इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए अभी और क्या करने की ज़रूरत है, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.

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भारत से क्या चाहता है यूक्रेन? 

रूस यूक्रेन युद्ध को बरस भर से ज्यादा हो चला है. रूस पर वेस्टर्न देशों और अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने अपनी तटस्थता बरकरार रखी है और रूस से व्यापार जारी है बल्कि यूं कहें कि और अच्छी स्थिति में है. इसी दौरान भारत दौरे पर आई हैं यूक्रेन की उप विदेश मंत्री. चार दिन का उनका ये दौरा है और रूस यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार किसी यूक्रेनी मंत्री का दौरा.  

इस दौरान वो प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलेंगी. यूक्रेन के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों पर इस दौरान चर्चा होनी है और यूक्रेन में छिड़ी जंग भी चर्चा का हिस्सा होगी ही. हालांकि भारत ने अब तक यूक्रेन में रूसी हमले की खुले तौर पर निंदा नहीं की है,  ऐसे में यूक्रेनी मंत्री के सामने क्या स्टैंड होगा – ये देखने की बात होगी. तो उनका ये दौरा क्यों इंपोर्टेट है और किस तरह की बातें होनी हैं इस दौरान? इसके अलावा रूस के साथ इंडिया के व्यापार संबंधों से क्या यूक्रेन को कोई समस्या नहीं है, सुनिए 'दिन भर' की आख़िरी ख़बर में.

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