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मुंबई: सांसद नवनीत राणा पर राजद्रोह का केस, शरद पवार बोले- निरस्त हो ये कानून

नवनीत राणा और उनके पति पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ है. इसी बीच शरद पवार ने एफिडेविट में भीमा कोरेगांव कमीशन से मांग की है कि 124A (राजद्रोह) को निरस्त कर देना चाहिए.

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शरद पवार ने भीमा कोरेगांव कमीशन को यह बात कही है
शरद पवार ने भीमा कोरेगांव कमीशन को यह बात कही है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शरद पवार ने भीमा कोरेगांव कमीशन से यह बात कही है
  • भीमा कोरेगांव कमीशन ने शरद पवार को समन किया है

महाराष्ट्र में नवनीत राणा और रवि राणा पर राजद्रोह (sedition) के तहत केस दर्ज होने के बीच शरद पवार का एक पत्र चर्चा में है. भीमा कोरेगांव कमीशन को पत्र लिखकर शरद पवार ने कहा है कि 124A (राजद्रोह) को निरस्त कर देना चाहिए. पवार की यह मांग इसलिए चर्चा में है क्योंकि महाराष्ट्र में NCP, शिवसेना और कांग्रेस के गठबंधन वाली ही सरकार है और उनकी पुलिस ने नवनीत राणा और रवि राणा के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया है.

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जानकारी के मुताबिक, NCP चीफ शरद पवार ने भीमा कोरेगांव जांच कमीशन को बुधवार को एक एफिडेविट दिया है. इसमें कहा गया है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के सेक्शन 124ए (राजद्रोह) को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधान काफी हैं.

बता दें कि जांच कमीशन उस हिंसा की जांच कर रही है जो पुणे के भीमा कोरेगांव में एक जनवरी 2018 को हुई थी.

पवार ने क्या कहा

शरद पवार ने एफिडेविट में लिखा है कि Section 124A को अंग्रेजों ने 1870 में जोड़ा था, ताकि स्वतंत्रता आंदोलन को दबाया जा सके. आज सरकार की आलोचना करने वालों की आवाजों को इससे दबाया जा रहा है, ऐसा पवार ने आरोप लगाया.

यह भी पढ़ें - Sedition Law: राजद्रोह कानून पर SC में सुनवाई, जानें इसका इतिहास.. इंदिरा गांधी की सरकार में हुआ था बड़ा बदलाव

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बता दें कि हिंसा पर पवार ने मीडिया में आकर कई बयान दिये थे, उन बयानों पर पूछताछ के लिए पवार को समन किया गया है. इस पूछताछ के लिए कमीशन ने 5 और 6 मई को उनको बुलाया है. 2020 में भी उनको समन किया गया था, लेकिन तब कोरोना संकट की वजह से पवार नहीं पहुंच पाये थे.

बता दें कि अमरावती से सांसद नवनीत राणा, पति और विधायक रवि राणा को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दरअसल, लाउडस्पीकर से अजान पर विवाद के बीच राणा दंपति ने कहा था कि वह सीएम उद्धव के घर के बाहर जाकर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. इसके बाद शिवसैनिकों ने हंगामा किया और शिकायत दर्ज करा दी. फिर पुलिस ने उनको गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. खार पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में बाद में राजद्रोह की धारा भी जोड़ी गई थी.

 

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