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शरजील इमाम ने दिल्ली HC में दायर की जमानत याचिका, राजद्रोह कानून पर SC की रोक का दिया हवाला

राजद्रोह कानून के तहत जेल में बंद शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. शरजील इमाम की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट की ओर से राजद्रोह कानून पर रोक लगाए जाने का भी हवाला दिया गया है.

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शरजील इमाम (फाइल फोटो)
शरजील इमाम (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शरजील इमाम पर दर्ज है राजद्रोह का केस
  • सीएए विरोधी आंदोलन में भाषण का मामला

राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राजद्रोह के आरोप में जेलों में बंद आरोपियों का क्या होगा? इसे लेकर बहस चल ही रही है कि अब आरोपी सुप्रीम फैसले को आधार बनाकर जमानत के लिए याचिका भी दायर करने लगे हैं. राजद्रोह के आरोप में बंद शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है.

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शरजील इमाम की ओर से दायर जमानत याचिका में दावा किया गया है कि उनको राजद्रोह के आरोप में ही बंद किया गया है. राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. शरजील इमाम की ओर से ये भी दावा किया गया है कि सत्र अदालत ने राजद्रोह के गंभीर आरोप की वजह से ही जमानत देने से इनकार किया था.

ये भी पढ़ें- जानिए क्या है अंग्रेजों के जमाने का राजद्रोह कानून, जिसे 75 वर्षों में भी नहीं बदला जा सका

शरजील इमाम की इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार यानी 16 मई को सुनवाई हो सकती है. याचिका में ये भी दलील दी गई है कि आईपीसी की धारा 124-ए और 153 ए को छोड़कर अभियोजन की ओर से कोई और मामला दर्ज नहीं है. शरजील की जमानत याचिका में ये भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता करीब 27 महीने से जेल में बंद है. राजद्रोह को हटा दें तो आईपीसी की धारा 153 ए के तहत अधिकतम तीन साल कैद की सजा का ही प्रावधान है.

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शरजील इमाम की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में 16 मई को सुनवाई हो सकती है. गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान दिसंबर 2019 और जनवरी-फरवरी 2020 में शरजील इमाम ने भाषण दिया था. इन्हीं भाषणों को लेकर शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह की धारा 124 ए और 153 ए के तहत मामले दर्ज किए गए थे.

 

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