पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी के बयान पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी का नया बयान आया है. उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी के निधन के समय कोविड की वजह से बहुत सारी पाबंदियां थीं. इसलिए लोग नहीं जुट पाए. कांग्रेस भी रैली निकालना चाहती थी, लेकिन नहीं निकाल पाई. उन्होंने कहा, 'जब (पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ, कोविड का समय था, बहुत सारी पाबंदियां थीं, इसलिए लोग इकट्ठा नहीं हो सकते थे. केजरीवाल के प्रशासन ने परिवार के किसी सदस्य को भी मिलने की इजाजत नहीं दी, परिवार और दोस्तों में से सिर्फ 20 लोग ही मौजूद थे। कांग्रेस भी एक रैली निकालना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं कर सकी, लेकिन पीएम और राहुल गांधी आए.'
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने क्या कहा था?
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस प्रस्ताव की आलोचना की थी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक अलग स्मारक बनाने की मांग की गई. खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक के लिए दिल्ली में जमीन आवंटित करने की मांग की. कांग्रेस का कहना है कि डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार वाली जगह पर ही उनका स्मारक बनना चाहिए.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक्स पर एक बयान में दावा किया कि जब अगस्त 2020 में उनके पिता और पूर्व भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मृत्यु हुई थी, तो कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई. शर्मिष्ठा ने उस दौरान कांग्रेस नेतृत्व पर इस मुद्दे पर उन्हें गुमराह करने का भी आरोप लगाया.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने किए ये दावे
शर्मिष्ठा के मुताबिक, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने तब उनसे कहा था कि भारत के राष्ट्रपतियों के निधन पर पार्टी की कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की परम्परा नहीं रही है. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेता के इस तर्क को पूरी तरह से बकवास बताते हुए यह भी दावा किया कि उन्हें अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक और पूर्व भारतीय राष्ट्रपति के.आर नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश का मसौदा किसी और ने नहीं बल्कि खुद उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व कांग्रेस नेता सी.आर. केसवन की एक अन्य पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, कैसे कांग्रेस ने पार्टी के अन्य राजनेताओं की सिर्फ इसलिए उपेक्षा की क्योंकि वे 'गांधी' परिवार के सदस्य नहीं थे. शर्मिष्ठा ने इस मुद्दे पर, 2004 से 2009 तक डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार और फाइनेंशियल एक्सप्रेस के पूर्व प्रधान संपादक डॉ. संजय बारू द्वारा लिखी गई पुस्तक 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के एक अध्याय का संदर्भ दिया. बारू ने अपनी किताब में उल्लेख किया है कि कैसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कभी कोई स्मारक नहीं बनाया, जिनका 2004 में निधन हुआ था.
राहुल गांधी के समर्थकों के कमेंट की आलोचना
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल गांधी के समर्थकों द्वारा उनके पिता को आरएसएस मुख्यालय में उनके दौरे के लिए 'संघी' कहने की आलोचना की है. सोशल मीडिया के जरिये उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाने के राहुल गांधी के इशारे और चुप्पी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि राहुल की मुलाकात पर उनके समर्थक क्या कहेंगे, जबकि कांग्रेस ने मोदी की पहले भी आलोचना की है और राहुल उनसे गले मिले.
शर्मिष्ठा ने लिखा, राहुल के भक्त-चेले मेरे पिता को आरएसएस यात्रा के लिए 'संघी' कहते हैं, मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वे अपने नेता से पूछें कि उन्होंने संसद में नरेंद्र को क्यों गले लगाया, जिन्हें उनकी मां ने 'मौत का सौदागर' कहा था?