संसद की सुरक्षा में सेंधमारी पर केंद्रीय गृहमंत्री के बयान की मांग कर रहे विपक्ष का हंगामा जारी है. लोकसभा में चेयर के अपमान करने वाले कई सांसदों को आज फिर सस्पेंड कर दिया गया है. इनमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर, सपा सांसद डिंपल यादव और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का नाम भी शामिल है.
लोकसभा में विपक्ष के कुल 133 सदस्य हैं और अब तक 94 सस्पेंड हो गए हैं. इसी तरह, राज्यसभा में विपक्ष के कुल 95 सदस्य हैं और अब तक 46 सस्पेंड हो गए हैं. मंगलवार को ही 40 लोकसभा और आठ राज्यसभा से सांसद सस्पेंड हुए हैं. अब तक कुल 228 (दोनों सदनों के सदस्य) में से 141 सांसदों पर एक्शन हुआ है. इस तरह अब दोनों सदनों में विपक्ष के 87 सांसद ही बचे रह गए हैं.
आज ये बड़े नेता हुए सस्पेंड
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, शशि थरूर, बीएसपी (निष्कासित) दानिश अली, एनसीपी की सुप्रिया सुले, सपा सांसद एसटी हसन, टीएमसी सांसद माला रॉय, सपा नेता डिंपल यादव और आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू भी सस्पेंड हुए हैं.
फारुक अब्दुल्ला भी हुए लोकसभा से सस्पेंड
लोकसभा से निष्कासित हुए एनसी चीफ फारुक अब्दुल्ला से पूछा गया कि लोकसभा की सुरक्षा का दायित्व लोकसभा सचिवालय का है तो इस पर फारुक ने कहा कि पुलिस किसके अंडर में आती है. क्या हो जाता अगर केंद्रीय गृह मंत्री आकर 2 मिनट के लिए संसद की सुरक्षा पर बयान दे जाते.
अधीर बोले- सरकार पर असुर की शक्ति सवार
वहीं सांसदों के निलंबन पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "मोदी और सरकार को एक बात कहना है. इनके जहन में सवार हो गई है असुर की शक्ति. देव की शक्ति नहीं है इनमें. इनका अहंकार लोग देख रहे हैं. सत्ता में रहने का ये मतलब नहीं कि आप अहंकारी बन जाएं."
ये संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात: शशि थरूर
कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि इतने सांसदों के निलंबन से एक बात स्पष्ट हो गई है कि वो विपक्ष मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वे राज्यसभा में कुछ ऐसी ही करेंगे. इसको देखते हुए हमें भारत के संसदीय लोकतंत्र के लिए श्रद्धांजलि लिखना शुरू करना पड़ा. अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए मैं भी आज प्रदर्शन में शामिल हुआ. उन्हें बचे हुए सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिसका मतलब है कि वे बिना किसी चर्चा के लिए अपने बिल पास करना चाहते हैं. मुझे लगता है कि ये संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है.
ये अगली बार आए तो संविधान खत्म हो जाएगा: अखिलेश यादव
वहीं संसद से विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि किस मुंह से संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहेंगे ये लोग, जिस तरह से इन्होंने विपक्ष के साथ बर्ताव किया है. अगर अगली बार ये लोग आ जाएंगे तो संविधान खत्म हो जाएगा.
संसदीय कार्यमंत्री ने क्या कहा?
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वे सदन में तख्तियां लाकर देश की जनता का अपमान कर रहे हैं. हाल के चुनावों में मिली हार के बाद वो हताश हैं. यदि उनका यही व्यवहार जारी रहा तो वे अगले चुनाव के बाद वापस नहीं आएंगे. ये फैसला हो चुका था कि वे सदन में नहीं आएंगे. ये स्पीकर के सामने तय हुआ था.