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अब शशि थरूर ने उठाई इलेक्टोरल रोल सार्वजनिक करने की मांग, मिस्त्री को लिखा पत्र

कांग्रेस में जैसे जैसे अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे वैसे इलेक्टोरल रोल सार्वजनिक करने की मांग तेज होती जा रही है. शशि थरूर ने भी मधुसूदन मिस्त्री को पत्र लिखकर मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की मांग की है. इससे पहले मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम और प्रद्युत बोरदोलोई भी यही मांग कर चुके हैं.

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शशि थरूर (फाइल फोटो)
शशि थरूर (फाइल फोटो)

कांग्रेस में 17 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव होना है. इसी बीच चुनाव के लिए मतदाता सूची जारी करने की मांग जोर शोर से उठ रही है. पहले मनीष तिवारी ने 'फ्री और फेयर' चुनाव के लिए इलेक्टोरल रोल यानी मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की बात कही. अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री को पत्र लिखकर इलेक्टोरल रोल सार्वजनिक करने के लिए कहा है. इससे पहले असम से कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने भी पत्र मिस्त्री को पत्र लिखकर यही मांग की थी. 
 
कांग्रेस में जैसे जैसे अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे वैसे इलेक्टोरल रोल सार्वजनिक करने की मांग तेज होती जा रही है. एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अब शशि थरूर ने भी मधुसूदन मिस्त्री को पत्र लिखकर मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की मांग की है. शशि थरूर ने यह मांग ऐसे वक्त पर उठाई जब उनके अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. 

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मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम ने भी उठाई मांग

कांग्रेस उम्मीदवार को चुनाव में नामांकन करने के 10 पीसीसी प्रस्तावकों का समर्थन होना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, नेताओं का कहना है कि इन प्रस्तावकों के बारे में जानकारी होना जरूरी है, नहीं तो इनका नाम लिस्ट में न होने पर नामांकन रद्द हो जाएगा. 

इससे पहले बुधवार को मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम और शशि थरूर ने चुनाव में पारदर्शिता के लिए इलेक्टोरल रोल सार्वजनिक करने की मांग की थी. शशि थरूर और मनीष तिवारी जी-23 नेताओं में शामिल रहे हैं, जो लगातार पार्टी नेतृत्व में बदलाव की मांग कर रहे हैं. मनीष तिवारी ने कहा कि स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव के लिए कांग्रेस की वेबसाइट पर लिस्ट को जारी किया जाना चाहिए. 
 
मनीष तिवारी की मांग पर हां में हां मिलाते हुए थरूर ने कहा कि सभी को यह पता होना चाहिए कि कौन नॉमिनेट कर सकता है और कौन वोट डाल सकता है. थरूर ने कहा, निश्चित तौर पर यह जरूरी है कि इलेक्टोरल रोल पर पारदर्शिता हो. अगर मनीष की यही मांग है, तो मुझे लगता है कि ये ऐसा सिद्धांत है कि इससे हर कोई सहमत होगा. सभी को पता होना चाहिए कि कौन नामांकन कर सकता है और कौन मतदान कर सकता है. इसमें कुछ भी बुरा नहीं है. 

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कांग्रेस का क्या है कहना?

कांग्रेस ने इस मांग को खारिज कर दिया है. मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव पारदर्शी हैं और पूरी चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष है. उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक, इलेक्टोरल रोल को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. ये आंतरिक प्रक्रिया है. जो भी चुनाव लड़ रहा है, वो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर से मतदाता सूची हासिल कर सकता है. 

कब होगा अध्यक्ष पद का चुनाव?

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 22 सितंबर को जारी किया 24 से 30 सितंबर तक नामांकन भरे जाएंगे. 8 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं. अगर जरूरत हुई तो 17 अगस्त को चुनाव होगा. 19 अक्टूबर को चुनाव नतीजों का ऐलान होगा. 

कैसे होगा अध्यक्ष पद का चुनाव?

- कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव कराने की जिम्मेदारी सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) की होती है. इस अथॉरिटी का कार्यकाल 3 साल होता है. यही अथॉरिटी अलग-अलग प्रदेशों में चुनाव अथॉरिटी का गठन करती है और फिर प्रदेश चुनाव अथॉरिटी जिला और ब्लॉक में चुनाव अथॉरिटी.

 - ब्लॉक कमेटी और बूथ कमेटी मिलकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रतिनिधि या डेलीगेट्स का चुनाव करते हैं. यही पीसीसी प्रतिनिधि अध्यक्ष पद के चुनाव में वोट डालते हैं. 2017 के चुनाव में 9 हजार प्रतिनिधि थे. जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पीसीसी डेलिगेट्स के वोट मिलते हैं, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है.

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- कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव कोई भी लड़ सकता है. इसके लिए उसके पास 10 पीसीसी प्रस्तावक का समर्थन होना चाहिए. चुनाव पूरा होने के बाद नतीजे घोषित किए जाते हैं. फिर अधिवेशन बुलाया जाता है, जिसमें अध्यक्ष का औपचारिक ऐलान होता है. 

 

 

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