xआज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में शनिवार को अभिनेता और नेता शत्रुघ्न सिन्हा शामिल हुए. उन्होंने प्रभु चावला के साथ देश के अलग-अलग मुद्दों के बारे में बातचीत की. जब प्रभु चावला ने उनका परिचय देते हुए कहा कि आप नेता हैं, बिहारी बाबू हैं, या अभिनेता हैं, खुद को क्या मानते हैं, तो उन्होंने कहा कि मैं शरीफ इंसान हूं. मुझे मल्टी डायमेंशनल भी कह सकते हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैं राजनीति के साथ-साथ फिल्मों भी रहा हूं. भारतीय जनता पार्टी में 30 साल से ज्यादा रहने के बाद अब कांग्रेस पार्टी में हूं. उन्होंने कांग्रेस पार्टी को सबसे मजबूत और सबसे पुरानी पार्टी बताते हुए तारीफ की.
जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या आप राजनीति में सक्रिय हैं, तो उन्होंने फिल्मी अंदाज में कहा कि यहां आने का द्वार है लेकिन जाने का द्वार नहीं है. एंट्री डोर है, लेकिन एग्जिट डोर नहीं है. राजनीति में साधारणत: बाहर जाने का रास्ता नहीं होता है. मैं फिल्मों भी हूं.
कांग्रेस पार्टी में लोगों का आना-जाना लगा है. जब प्रभु चावला ने उनसे सवाल किया है कांग्रेस पार्टी में कई एग्जिट डोर नजर आ रहे हैं, कई दिग्गजों ने साथ छोड़ा है, तो उन्होंने कहा कि सिर्फ आप एक पार्टी का देख रहे हैं. हर पार्टी में लोग आते हैं, जाते हैं.
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इसलिए लोग बीजेपी में हो रहे शामिल!
दल-बदल पर बोलते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि हमारी अपनी पुरानी पार्टी रही बीजेपी जहां मैं कई सालों तक रहा, वहां भी कुछ लोग धनशक्ति की वजह से आ रहे हैं, कुछ लोग आस्था की वजह से आ रहे हैं. कई लोगों को लाया जा रहा है. कई लोग लौट के जा रहे हैं. जो बाहर आ रहे हैं, वे कह रहे हैं कि घुटन हो रही थी, जो लोग वापस पुरानी पार्टी में जा रहे हैं, उन्हें होम कमिंग की याद आ रही है.
क्या याद आता है बीजेपी का स्टारडम?
शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में शामिल होने से पहले बीजेपी के बड़े कैंपेनर्स में शामिल रहे हैं. बीपी सिंह की सक्रिय राजनीति के दौरान शत्रुघ्न का स्टारडम लोगों को रैलियों में खींच लाता था. 30 साल तक उन्होंने बीजेपी में अपना दमखम दिखाया और जीतते रहे. केंद्रीय मंत्री भी बने. कांग्रेस में आकर हार मिल गई. कांग्रेस में परिवार का भी स्टारडम घटा. जब प्रभु चावला ने इनका जिक्र करते हुए, यही सवाल किया तो उन्होंने इशारा किया कि उन्हें हराया गया. उन्होंने ईवीएम का भी जिक्र किया. उन्होंने बीपी सिंह से लेकर देवीलाल सिंह तक का जिक्र किया. अटल बिहारी से लेकर लाल कृष्ण आडवाणी तक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी वजह से मेरा करियर आगे बढ़ा.
शत्रुघ्न ने बताया, क्यों छोड़ी बीजेपी?
बीजेपी के अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें सबसे ज्यादा अतंरों से हर बार जनता जिताती रही. बीजेपी से झगड़ा नहीं हुआ लेकिन सैद्धांतिक आधार पर अनबन की वजह से पार्टी से अलग हो गए. उन्होंने नोटबंदी को ऐतिहासिक भूल बताते हुए मोदी सरकार की आलोचना की. शत्रुघ्न ने कहा कि नोटबंदी बहुत घातक साबित हुई. महिला, युवा से लेकर व्यापारी तक लोग प्रभावित हुए.
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उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर किसी भी तरह का आरोप नहीं लगा है. नोटबंदी और जटिल जीएसटी का खामियाजा देश की जनता आज तक भुगत रही है. जब केंद्र के फैसले जनहित से ऊपर उठने लगे तो मैंने विरोध शुरू किया. पटना इलेक्शन का जिक्र करते हुए कहा कि जिस सीट से मैं जीत रहा था, वहां किसी और को टिकट देने का निर्णय लिया गया, बिना मेरी सलाह के तो मुझे लगा कि यह ठीक नहीं है, इसलिए मैंने पार्टी से अलग राहें कर लीं.
किस बयान पर घिरे शत्रुघ्न?
सीधी बात में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैंने सैद्धांतिक आधार पर पार्टी छोड़ी. वहीं एक बयान में उन्होंने कहा कि पार्टी ने टिकट नहीं दिया, इसलिए राहें अलग हुईं. जब विरोधाभास को लेकर उनसे सवाल किया गया उन्होंने जवाब दिया कि मैंने कहा है कि सिचुएशन कुछ भी हो लोकेशन वही रहेगा. मामला सैद्धांतिक दृष्टि से ठीक नहीं हो रहा था. मैंने कहा कि व्यक्ति से बड़ा पार्टी, और पार्टी से बड़ा देश होता है. उन्होंने महात्मा गांधी से लेकर जवाहर लाल नेहरू तक जिक्र करते हुए कहा कि मैंने गौरवशाली पार्टी का साथ थामा. उन्होंने इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी के कार्यकाल का जिक्र किया.
मोदी की बीजेपी अलग, बनी प्रोपेगेंडा पार्टी!
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि नई बीजेपी अटल बिहार वाजपेयी की बीजेपी से अलग है. यहां सिद्धांत नहीं, प्रोपेगेंडा हावी हैं. सरकार संस्थानों को अपने कब्जे में ले रही है, जिसकी जद में मीडिया भी है. उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ राजनीति के शुरुआती करियर में दिए गए बयानों का बचाव करते हुए कहा कि तब मैं नौजवान था, राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हुआ था. आदमी सीखता है. मैं बीजेपी में भी होता तो गलत के खिलाफ बोलता.
वंशवाद के समर्थक हैं शत्रुघ्न?
वंशवाद पर बोलते हुए कहा कि मैं कभी वंशवाद के खिलाफ नहीं रहा हूं. मैंने सोनिया गांधी के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा, मैं उनकी इज्जत करता हूं. वे भारत की बहू हैं. भारत की भाभी हैं. जवाहर लाल नेहरू के योगदान का भी उन्होंने जिक्र किया.
क्या कांग्रेस में नहीं है आंतरिक लोकतंत्र?
कांग्रेस में पार्टी की कमान गांधी परिवार के हाथ में ही रहती है. बीते कुछ साल से लगातार कहा जा रहा है कि कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव नहीं होते हैं. नरसिम्हा राव के वक्त, आखिरी बार चुनाव हुआ था. कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है ही नहीं. बीजेपी में कांग्रेस से ज्यादा लोकतंत्र है. जब यही सवाल शत्रुघ्न सिन्हा ने पूछा गया तो पार्टी के बचाव में वे उतर गए. उन्होंने कहा कि बिना लोकतंत्र के सबसे ज्यादा विद्वान लोग सिर्फ कांग्रेस में ही हैं. हिंदुस्तान में एम्स से लेकर हर बड़ी संस्था कांग्रेस के जमाने में बने हैं. उस पार्टी में लोकतंत्र नहीं है, यह कहना गलत है.
कांग्रेस में सिर्फ तीन गांधी!
कांग्रेस इंदिरा गांधी के जमाने में 305 सीटों पर पहुंची थी. राहुल और सोनिया गांधी के जमाने में 45 से 52 सीटों पर सिमट गई. कांग्रेस पार्टी में सिर्फ तीन गांधी हैं. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी. इनके अलावा किसी तीसरे की जगह नहीं है, क्यों पार्टी किसी और को आगे नहीं करती, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि याद कीजिए बीजेपी भी सिर्फ दो सीटों की पार्टी थी. भारतीय जनता पार्टी अभी वन मैन शो और 2 मैन आर्मी है. देश में बिना गांधी के क्या चलता है. हमारे पास तो तीन गांधी हैं.
वन मैन शो टू मैन आर्मी
शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी पर तंज करते हुए कहा कि यह पार्टी वन मैन शो एंड टू मैन आर्मी है. उन्होंने बीजेपी से टीएमसी में दोबारा गए मुकुल रॉय का भी जिक्र करते हुए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि महत्वाकांक्षाओं की वजह से ऐसा लोग करते हैं.
बिहार चुनाव पर क्या बोले शत्रुघ्न?
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा बिहार के सीट बंटवारे में मैं नहीं था. सीटों के आधार पर किसी पार्टी की सफलता नहीं आंकी जानी चाहिए. बीते 2-3 चुनावों में ईवीएम की वजह से जीती हुई बाजी भी हरा दी गई है. जहां सक्रिय लोग रहते हैं, वहां ऐसे मामले कम आते हैं. बिहार चुनाव में कांग्रेस को कम सीटें लेने के सलाह पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनकी राय नहीं ली. लालू यादव के बाहर आने पर राजनीतिक असर का भी उन्होंने कहा कि उनके आने से राजनीति में उछाल आएगा.
मोदी के सामने नेता कौन?
देश में विपक्ष न होने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. मोदी के मुकाबले में कौन के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता तय करती है नेता कौन होगा. राहुल गांधी और ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री पद के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कोई भी बन सकता है, जिसके पास संख्या बल हो.
बॉलीवुड पर क्या बोले शत्रुघ्न सिन्हा?
बॉलीवुड में बीते कुछ वर्षों से वैचारिक स्तर पर दो धड़े नजर आ रहे हैं. सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद भी बॉलीवुड में दो धड़े नजर आए. इन सवालों के जवाब में कहा कि अब राजनति पर खुलकर लोग बोल रहे हैं. किसानों के मुद्दे पर सितारों का एक साथ आना और विरोध करना भी चर्चा में रहा. उन्होंने कहा सरकार के समर्थन में ट्वीट कराया गया, हालांकि उन्होंने इस बात को घुमाते हुए कहा. उन्होंने कहा कि अब लोग खुलकर अपनी राय रख रहे हैं. अब लोगों की आखें खुली हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा के परिवार का भविष्य कैसा?
फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा से जब सवाल किया गया कि फिल्मों और राजनति में उनका भविष्य कैसा है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके परिवार का भविष्य उज्ज्वल है. उन्होंने प्रभु चावला पर तंज कसते हुए कहा कि प्रभु की कृपा से मेरे परिवार का भविष्य उज्ज्वल है.
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