कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा के घर और दफ्तर पर पथराव किया गयाहै. बंजारा और भोवी समुदाय के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान इस पथराव की घटना को अंजाम दिया है. प्रदर्शनकारी पूर्व जस्टिस सदाशिव आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने का विरोध कर रहे थे.
प्रदर्शन के बाद येदियुरप्पा ने कहा,'प्रदर्शनकारियों को कुछ गलतफहमी हो सकती है. मैं खुद बंजारा समुदाय के नेताओं से फोन पर बात करूंगा. मैंने एसपी और डीसी से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई न करने के लिए कहा है. पिछले 50 सालों से मैं शिकारीपुरा के विकास के लिए काम कर रहा हूं.
उन्होंने आगे कहा कि बंजारा समुदाय के लोगों से बात करने के बाद वह उन्हें मुख्यमंत्री के पास भी ले जाएंगे. ताकि, अगर कोई शिकायत हो तो इसका समाधान भी निकाल लिया जाए. उन्होंने कहा कि वह एक दो दिन में नेताओं से बात करेंगे.
येदियुरप्पा ने आगे कहा कि वह इस घटना के लिए कांग्रेस या किसी और को दोष नहीं देंगे. वह बंजारा नेताओं से बात कर इस बारे में चर्चा करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि बंजारा समुदाय ने उन्हें मुख्यमंत्री बनने में मदद की थी. शिकारीपुरा में जो कुछ भी हुआ है, वह गलत धारणा के कारण हुआ है.
बता दें कि कर्नाटक में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीएस येदियुरप्पा के आवास पर ब्रेकफास्ट मीटिंग के लिए पहुंचे थे. उनके साथ सीएम बसवराज बोम्मई और बीजेपी नेता अरुण सिंह भी थे.
दरअसल, चुनाव में बीजेपी अपने अनुभवी और सीनियर नेता बीएस येदियुरप्पा को आगे कर मैदान में उतरने का प्लान बना रही है. चुनावों से पहले ही राजनीति से रिटायरमेंट की घोषणा कर चुके 80 साल के येदियुरप्पा राज्य के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और बड़े जनाधार वाले प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के बीच खासी पकड़ रखते हैं. पार्टी की टॉप लीडरशिप चाहती है कि येदियुरप्पा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपनी बड़ी भूमिका निभाएं.