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'रूस-यूक्रेन युद्ध की मध्यस्थता, महाराष्ट्र-कर्नाटक विवाद की अनदेखी, अच्छे राजनेता की निशानी नहीं', राउत का PM मोदी पर हमला

शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता करते हैं, लेकिन महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर आंखें मूंद लेते हैं. यह एक अच्छे राजनेता की निशानी नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने इस विवाद को हल करने का भी सुझाव दिया है.

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संजय राउत और पीएम मोदी (फाइल फोेटो)
संजय राउत और पीएम मोदी (फाइल फोेटो)

शिवसेना उद्धव गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक बार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता करते हैं. वहीं दूसरी तरफ वह महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद की अनदेखी करते हैं, जोकि अच्छे राजनेता की निशानी नहीं है. 

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पार्टी के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम 'रोकटोक' में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद मानवता के लिए संघर्ष था, न कि दोनों राज्यों के लोगों और सरकारों के बीच की लड़ाई.  

महाराष्ट्र लंबे समय से उत्तरी कर्नाटक में बेलगावी और आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों पर दावा करता रहा है क्योंकि यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा मराठी भाषी है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा हाल ही में दावा किए जाने के बाद दशकों पुराना सीमा विवाद फिर से शुरू हो गया है, जिसमें महाराष्ट्र में सांगली जिले के कुछ गांवों को वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण दक्षिणी राज्य का हिस्सा बनने का प्रस्ताव पारित किया है.  

राउत ने कहा कि बेलगावी और आस-पास के क्षेत्रों में मराठी आबादी के संघर्ष को क्रूरता से नहीं कुचला जा सकता है. राज्यों के पुनर्गठन के दौरान उनकी इच्छा के खिलाफ उन्हें कर्नाटक में शामिल किया गया था. राउत ने पूछा कि अगर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को हल नहीं कर सकते हैं, तो कहां से न्याय मांगा जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता करते हैं, लेकिन महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर आंखें मूंद लेते हैं. यह एक अच्छे राजनेता की निशानी नहीं है. 

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इस दौरान संजय राउत ने अमित शाह की तारीफ की. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने इस मुद्दे को हल करने की दिशा में पहल की, लेकिन सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार तटस्थ रुख अपनाएगी. राउत ने मांग की कि संसद को सीमा विवाद का हल निकालना चाहिए. 

उन्होंने सुझाव दिया कि सुप्रीम कोर्ट से संसद को निर्देश देने की उम्मीद करने के बजाय खुद संसद जल्द से जल्द इसका समाधान ढूंढ ले तो क्या नुकसान है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के सीएम बोम्मई को महाराष्ट्र के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के बजाय विवाद को सुलझाने के लिए बेलगावी में मराठी भाषी लोगों के संगठनों और नेताओं से बातचीत करनी चाहिए थी. 

सामना के आर्टिकल में संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, कर्नाटक सीएम बोम्मई के महाराष्ट्र के क्षेत्रों पर दावा करने के आक्रामक रुख का सामना करने के लिए कमजोर हैं. राउत ने कहा कि इस मुद्दे पर अमित शाह द्वारा बुलाई गई दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि यथास्थिति बनाए रखी जानी चाहिए. 

 

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