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शिवसेना के 57वें स्थापना दिवस पर सोमवार को महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज रही. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के गुटों ने स्थापना दिवस पर अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया. इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और महाराष्ट्र विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने 20 जून को विश्व गद्दार दिवस घोषित करने को कहा.
उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी पर कटाक्ष करते हुए पत्र लिखकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र से 20 जून को विश्व गद्दार दिवस घोषित करने का अनुरोध किया जाए. उन्होंने कहा कि वह (कोश्यारी) दिल्ली के अपने आकाओं (केंद्र सरकार) से अनुमति लेकर इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखे.
बता दें कि पिछले साल इसी दिन एकनाथ शिंदे ने पार्टी से बगावत की थी, जिस वजह से उद्धव ठाकरे की अगुवाई में तत्कालीन सरकार गिर गई थी.
इस पत्र में अंबादास दानवे ने कहा कि 40 विधायकों ने पिछले साल 20 जून को बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को तोड़ने का पाप किया है. ऐसा बताया जा रहा है कि लगभग 32 से 33 देशों ने इस पर गौर किया था. अगर ऐसा है तो कई देशों का ध्यान इस ओर खींचने के लिए इस दिन को विश्व गद्दार दिवस के तौर पर मनाया जाना चाहिए.
बता दें कि पिछले साल जिस समय महाराष्ट्र सरकार में यह बगावत हुई थी. उस समय कोश्यारी राज्यपाल थे. उन पर बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने के आरोप लगे थे.
वहीं, उद्धव ठाकरे ने भी शनिवार को आयोजित बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं से इस दिन को गद्दार दिवस के रूप में मनाने की अपील की.
शिंदे और फडणवीस ने उद्धव पर कसा तंज
इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसा है. दोनों ने कहा है कि गद्दार तो उद्धव है. उन्होंने मतदाताओं से धोखा किया है. लोगों ने 2019 विधानसभा चुनाव में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के लिए वोट किया था लेकिन उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन कर लिया.
शिंदे ने शिवसेना के स्थापना दिवस पर उद्धव को चेताते हुए दायरे में रहने को कहा. उन्होंने कहा कि उद्धव ने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से अलग जाकर खुद अपने पिता को धोखा दिया है क्योंकि बालासाहेब ठाकरे कांग्रेस की विचारधारा के सख्त खिलाफ थे.
ठाकरे और शिंदे गुटों ने अलग-अलग मनाया स्थापना दिवस
शिवसेना के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले दोनों गुटों ने सोमवार को अलग-अलग समारोहों में पार्टी का स्थापना दिवस मनाया.
दरअसल एकनाथ शिंदे और शिवसेना के 39 विधायकों ने पिछले साल 20 जून को महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर शिवसेना, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार गिरा दी थी. इसके बाद एकनाथ शिंदे बीजेपी की मदद से सूबे के मुख्यमंत्री बन गए.
इतना ही नहीं शिंदे की अगुवाई वाला गुट खुद का शिवसेना का असली हकदार बताते हुए पार्टी के चुनाव चिह्न (धनुष और तीर) की मांग करता हुए चुनाव आयोग पहुंचा था. बाद में चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनके गुट को ही असली शिवसेना बताकर चुनाव चिह्न भी सौंप दिया था. इसके साथ ही उद्धव के गुट वाली शिवसेना को उद्धव बालासाहेब ठाकरे का नाम दिया गया
बता दें कि राजनीतिक कार्टूनिस्ट के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाले बालासाहेब ठाकरे ने 19 जून 1966 को शिवसेना का गठन किया था.