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सिक्किम में अचानक आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हुई, 78 लोग लापता

एसएसडीएमए के अनुसार, बाढ़ प्रभावित इलाकों से कुल 6001 लोगों को या तो बचाया गया है या निकाला गया है और घायल लोगों की संख्या 30 है. अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 87,300 थी. एसएसडीएमए ने कहा कि अचानक आई बाढ़ से कुल 3773 लोग बेघर हो गए और उन्हें चार जिलों के 24 राहत शिविरों में आश्रय दिया गया.

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सिक्किम में आई बाढ़ की फाइल फोटो
सिक्किम में आई बाढ़ की फाइल फोटो

सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है, जबकि ग्लेशियर झील पर बादल फटने के छह दिन बाद 78 लोग लापता हैं. सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने ये जानकारी दी. 

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पाक्योंग जिले में सबसे अधिक 24 लोगों की मौत हुई है, जिनमें दस सेना के जवान शामिल हैं, इसके बाद गंगटोक में सात, मंगन में चार और नामची जिले में दो मौतें हुईं. एसएसडीएमए ने कहा कि अन्य 78 लोग अभी भी लापता हैं क्योंकि मंगन जिले में बादल फटने से नदी में उफान आने के बाद चार जिलों के तीस्ता नदी बेसिन के कई शहरों में बाढ़ आ गई है.

एसएसडीएमए के अनुसार, बाढ़ प्रभावित इलाकों से कुल 6001 लोगों को या तो बचाया गया है या निकाला गया है और घायल लोगों की संख्या 30 है. अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 87,300 थी. एसएसडीएमए ने कहा कि अचानक आई बाढ़ से कुल 3773 लोग बेघर हो गए और उन्हें चार जिलों के 24 राहत शिविरों में आश्रय दिया गया.

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इसमें कहा गया है कि 90 गांवों/वार्डों/नगर पंचायत/परिषदों को प्रभावित करने वाली आपदा में 3646 पक्के और कच्चे घर या तो पूरी तरह से, गंभीर रूप से या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए. इसमें कहा गया है कि राज्य का सड़क नेटवर्क बाधित हो गया है, क्योंकि तीस्ता-वी जलविद्युत स्टेशन के निचले हिस्से में 16 पुल, जिनमें से नौ अकेले भारी तबाही वाले मंगन जिले में हैं, या तो नदी के तेज पानी में डूब गए या बह गए.

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