सिंघु बॉर्डर पर हुए मर्डर के बाद आंदोलन में शामिल किसान संगठन और निहंग सिख आमने-सामने दिख रहे हैं. दिल्ली-हरियाणा की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर हुई हत्या से पल्ला झाड़ लिया है. उसने कहा है कि मृतक और निहंग दोनों से ही उसका कोई संबंध नहीं है.
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इसमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस रिलीज में कही गई बातों को दोहराया भी.
किसान मोर्चा की तरफ से एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई. इसमें दावा किया गया है कि उन्होंने कई मौकों पर दिल्ली और हरियाणा की पुलिस को निहंग सिखों को लेकर अलर्ट किया था. यह भी बता दिया गया था कि निहंग उनके मोर्चे का हिस्सा नहीं हैं. प्रेस रिलीज में मोर्चा ने कहा, 'कई बार निहंगों से वह जगह खाली करने को कहा गया था. उनसे पवित्र ग्रंथ (जिसकी बेअदबी की कोशिश के आरोप मृतक पर लगे) को वहां प्रदर्शन वाली जगह से हटाने को भी कहा गया था.'
संयुक्त किसान मोर्चा अब स्टेज से निहंग सिखों से की गई अपीलों के वीडियोज प्रूफ के तौर पर पुलिस को सौंप सकता है.
'निहंग सिखों ने ली है हत्या की जिम्मेदारी, लगाया धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी का आरोप'
संयुक्त किसान मोर्चा हत्या से बाद से दावा कर रहा है कि इस कत्ल की जिम्मेदारी निहंग समूह ने ली है. SKM के मुताबिक, निहंगों ने कहा है कि उस व्यक्ति (मृतक लखबीर सिंह) द्वारा सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की गई थी, जिसके कारण ऐसा किया गया. किसान मोर्चा का दावा है कि मृतक कुछ वक्त से निहंगों के साथ ही रहकर सेवादारी कर रहा था.
किसान मोर्चा ने आगे कहा है कि इस घटना के दोनों पक्षों (मृतक लखबीर सिंह और निहंग) से उसका कोई लेना देना नहीं है. कहा गया, 'हम किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ हैं, लेकिन इस आधार पर किसी भी व्यक्ति या समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है.' आगे मांग की गई है कि हत्या और बेअदबी के षड़यंत्र के आरोप की जांच कर दोषियों को सजा दी जाए.