तमिलनाडु के मयिलाडुतुरै में सात परिवारों ने इच्छामृत्यु की मांग की है. परिवारों का दावा है कि 15 साल पहले उन लोगों को गांव के लोगों ने पंचायत के फैसले के बाद समाज से बहिष्कार कर दिया था. अब उन पर हिंदू धर्म में वापस आने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. साथ ही उनके बच्चों को गांव के अन्य बच्चों के साथ खेलने भी नहीं दिया जाता है.
मामला पूमपुहार के एक गांव का है. जानकारी के मुताबिक, यह गांव मछुआरों का है. यहां के रहने वाले सात परिवारों ने कथित तौर पर ईसाई धर्म अपना लिया था. इस कारण गांव से पंचायत के फैसले के मुताबिक उन्हें समाज से बहिष्कार कर दिया गया. सातों परिवारों का आरोप है कि उन्हें मछली पकड़ने से रोका जा रहा है. दुकानों से खाने-पीने का सामान भी नहीं खरीदने दिया जाता है.
सात परिवारों ने मांगी इच्छामृत्यु
उनलोगों पर कई अत्याचार किए गए हैं. गांव के लोग उन्हें लगातार हिंदू धर्म में वापस आने के लिए कह रहे हैं. जिससे परेशान होकर सातों परिवार मंगलवार को सार्वजनिक शिकायत बैठक के दौरान कलेक्टर ऑफिस पहुंचे. इसके बाद सभी ने कलेक्टर से उन पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही परिवार के सदस्यों ने इच्छामृत्यु की मांग की.
DM ने FIR दर्ज करने का दिया आदेश
इस दौरान परिवार के प्रत्येक सदस्य के हाथ में बैनर भी था, जिस पर लिखा था'कृपया हमें मार डालो'. इसके बाद जिला के कलेक्टर ने अधिकारियों को मामले की जांच करने के आदेश दिए. साथ ही घटना सत्य पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है. वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.