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'हम नहीं उलझना चाहते...' अखिलेश-वखिलेश वाले बयान पर भड़कने के बाद अब कमलनाथ पर नरम हुए सपा अध्यक्ष

एमपी कांग्रेस चीफ कमलनाथ के बयान पर भड़कने के बाद अब अखिलेश यादव के तेवर नरम पड़ गए हैं. सपा अध्यक्ष ने कहा कि हम इन सबमें उलझना नहीं चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिसके नाम में ही कमल हो तो वो वखिलेश ही कहेंगे, अखिलेश तो नहीं कहेंगे.

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कमलनाथ के बयान पर अखिलेश का रिएक्शन
कमलनाथ के बयान पर अखिलेश का रिएक्शन

I.N.D.I.A गठबंधन के दो बड़े दलों के बीच बयानबाजी इन दिनों चर्चा में है. दरअसल मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ से एक कार्यक्रम के दौरान जब यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कह दिया, छोड़ो भई अखिलेश-वखिलेश. इसको लेकर अब अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है.  

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अखिलेश ने एमपी कांग्रेस चीफ के बयान पर कहा कि जिसके नाम में ही कमल हो तो वो वखिलेश ही कहेंगे, अखिलेश तो नहीं कहेंगे. सपा अध्यक्ष ने कहा, "ये बात तो ठीक कही उन्होंने... वखिलेश कौन है... अखिलेश तो है ना... तो अगर ये बातें कहेंगे तो समाजवादी पार्टी भी इन बातों को कह सकती है, लेकिन हम उन उलझनों में नहीं फंसना चाहते हैं. कमलनाथ जी से हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं. नाम देखो उनका कितना अच्छा है. जिनके नाम में ही कमल हो तो वो वखिलेश ही कहेंगे. अखिलेश तो नहीं कहेंगे ना." 

अखिलेश यादव ने कहा था? 

मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि विपक्ष का गठबंधन विधानसभा स्तर के चुनाव के लिए नहीं है तो उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में गठबंधन के लिए बातचीत ही नहीं करती. उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए तालमेल की बात होगी तो उस पर ही विचार किया जाएगा.  

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पूर्व सीएम ने कहा कि जैसा व्यवहार समाजवादी पार्टी के साथ होगा, वैसा ही व्यवहार उन्हें यूपी में देखने को मिलेगा. सपा अध्यक्ष ने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा, मैं कांग्रेस के बड़े नेताओं से अपील करूंगा कि अपने छोटे नेताओं से इस तरह के बयान न दिलवाएं. 

....जब सरकार बनानी थी तो हमारे विधायक ढूंढ रहे थे: अखिलेश 

इससे पहले कमलनाथ के बयान पर अखिलेश ने कहा था कि जब कांग्रेस को एमपी में सरकार बनानी थी तो सुबह से लेकर शाम तक वह हमारे विधायक ढूंढ रहे थे. सपा अध्यक्ष ने कहा, "मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि आखिरकार कांग्रेस को दूसरे दलों को साथ लेने में क्या परेशानी है? किसी दल में ताकत या हैसियत है तो उसको साथ लेना चाहिए. मुझे वो दिन याद है जब कांग्रेस को अपनी सरकार बनानी थी तो MP में तो सुबह से लेकर शाम तक वह हमारे विधायक को ढूंढ रहे थे." 

अखिलेश ने आगे कहा, I.N.D.I.A. के भरोसे में MP में अपने नेताओं को निराश नहीं कर सकता. सपा अब भाजपा को हराने के लिए तैयार है. निर्णय कांग्रेस को लेना है. अगर हमें पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो न हम मीटिंग में जाते और न ही कांग्रेस नेताओं के फोन उठाते.  

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कमलनाथ की टिप्पणी पर क्या बोले शिवपाल?

इसके अलावा अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने भी कमलनाथ की टिप्पणी और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय की बयानबाजी पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों को अपने छोटे नेताओं के बोलने पर रोक लगानी चाहिए.   

यूपी के हरदोई में शिवपाल ने कहा, कांग्रेस के जो बड़े नेता हैं, उनको मिलकर चलना पड़ेगा. समाजवादी पार्टी को भी मिलना पड़ेगा. बिना समाजवादी पार्टी के कांग्रेस उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को हटा नहीं सकती है. 

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वहीं, अजय राय के बयान पर शिवपाल ने कहा, देखिए कांग्रेस को इन छोटे नेताओं पर रोक लगानी चाहिए. कांग्रेस की जिम्मेदारी बनती है अगर भारतीय जनता पार्टी को हटाना है तो विपक्ष के लोगों को इकट्ठा करके इंडिया गठबंधन को मजबूत करना चाहिए.

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