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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन कर्नाटक के मंदिरों में होगी विशेष पूजा और महा मंगलारती, सरकार ने जारी किया निर्देश

कर्नाटक सरकार के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने राज्य भर के मंदिरों को 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की स्थापना समारोह के दौरान विशेष पूजा करने का निर्देश दिया है.

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प्राण प्रतिष्ठा के दिन राज्य के मंदिरों में होगी विशेष पूजा, कार्नाटक सरकार के मंत्री ने जारी किए निर्देश.
प्राण प्रतिष्ठा के दिन राज्य के मंदिरों में होगी विशेष पूजा, कार्नाटक सरकार के मंत्री ने जारी किए निर्देश.

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं. 22 जनवरी को पूरे विधि विधान से राम मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान होंगे. दूसरी ओर प्राण प्रतिष्ठा को भव्य बनाने के लिए पूरे के देश छोटे-बड़े मंदिरों में तैयारियां की जा रही हैं. इसी कड़ी में अब कर्नाटक सरकार के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने राज्य के मंदिरों को 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन विशेष पूजा करने का निर्देश जारी किए हैं.

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राज्य के सभी मंदिरों में हो विशेष पूजा: मंत्री

भगवान राम की मूर्ति का स्थापना समारोह 22 जनवरी को दोपहर 12:29 बजे से 1:32 बजे के बीच अयोध्या में होने वाला है. इस मौके पर कांग्रेस नेता ने सभी मुजराई मंदिरों को इस महत्वपूर्ण समारोह के उपलक्ष्य में महा मंगलारती और विशेष पूजा करने का निर्देश जारी किया है. उन्होंने सोशल मीडिया नेटवर्क साइट एक्स पर लिखा, 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा होगी. मैंने इस मौके पर राज्य के सभी मुजराई मंदिरों में विशेष पूजा करने निर्देश दिया है.

उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य अयोध्या राम मंदिर मूर्ति स्थापना के शुभ अवसर को मनाने में कर्नाटक भर के मंदिरों को शामिल करना है.

आलाकमान ने दी समारोह में जाने की हरी झंडी: सूत्र

सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के इच्छुक पार्टी नेताओं को हरी झंडी दे दी थी.

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संकेत दिया कि उन्हें और सोनिया गांधी को निमंत्रण क्रमशः विपक्ष के नेता (राज्यसभा) और कांग्रेस संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में संसद में उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए आया है. पार्टी के पास नेताओं के लिए कोई आदेश नहीं है और जो कोई भी मंदिर में पूजा करना चाहता है वह जाने के लिए स्वतंत्र है.

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