Gujarat News: मेहसाणा जिले के जुलसाना गांव में पिछले 9 महीनों से विशेष प्रार्थनाएं और अनुष्ठान चल रहे हैं. गांव के प्राचीन डोलो देवी मंदिर में अखंड ज्योति जलाई जा रही है. मंदिर के पुजारी भगवान के अलावा एक महिला की तस्वीर मंदिर में रखकर यह पूजा पाठ कर रहे हैं. यह महिला कोई और नहीं, बल्कि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स हैं.
दरअसल, सुनीता विलियम्स के परिजनों का नाता जुलसाना गांव से है. इसी वजह से सुनीता के पृथ्वी पर लौटने की खबर से गांव में उत्साह चरम पर है. स्कूली बच्चों सहित पूरा गांव उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है और भव्य स्वागत की योजना बना रहा है.
गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य विशाल भाई ने कहा, "पिछले नौ महीनों से हम उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. अब हमें राहत और खुशी है कि वह जल्द ही वापस आएंगी. पूरा गांव उन्हें अपनी बेटी मानता है." उन्होंने बताया कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान तनावपूर्ण क्षणों में भी गांव का विश्वास डगमगाया नहीं.
विशाल भाई ने घोषणा की, "सुनीता के सुरक्षित लौटने पर हम कल सुबह एक बड़ा विजय जुलूस निकालेंगे." ग्रामीणों ने यह भी इच्छा जताई कि सुनीता जल्द ही जुलसाना आएं और उनसे मिलें. उन्होंने कहा, "वह यहां सभी के लिए प्रेरणा हैं, खासकर बच्चों के लिए जो उन्हें देखकर सितारों तक पहुंचने का सपना देखते हैं."
स्कूलों में प्रेरणा का प्रतीक
जुलसाना के स्कूल की दीवारों पर सुनीता विलियम्स के पोस्टर लगे हैं, जो बच्चों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनकी अंतरिक्ष में चहलकदमी और असाधारण यात्रा से प्रभावित बच्चे उनकी सफल वापसी का जश्न मनाने को उत्सुक हैं. वे चाहते हैं कि सुनीता गांव आएं और अपने अंतरिक्ष अनुभव साझा करें.
सुनीता का पैतृक जुड़ाव
सुनीता विलियम्स के पैतृक परिवार का संबंध जुलसाना से है. उन्होंने आखिरी बार 2007 और 2013 में गांव का दौरा किया था. उनके रिश्तेदार और ग्रामीण उनकी सुरक्षा के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे हैं. गांव वालों को उम्मीद है कि वह जल्द ही सुरक्षित लैंडिंग करेंगी और एक बार फिर अपनी उपस्थिति से उन्हें गौरवान्वित करेंगी.
9 माह से चल रहा अनुष्ठान
पिछले साल जब सुनीता का अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में फंस गया था, तब से डोलो देवी मंदिर में उनकी वापसी के लिए विशेष यज्ञ और प्रार्थनाएं शुरू की गई थीं. मंदिर में अखंड ज्योति जलाने के साथ-साथ उनकी तस्वीर रखकर ग्रामीणों ने अपनी आस्था व्यक्त की. अब उनकी वापसी की खबर से गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है.
भावनात्मक जुड़ाव और उम्मीद
विशाल भाई ने कहा, "हमें उनकी चिंता थी, लेकिन हमारा विश्वास कभी कम नहीं हुआ. सुनीता की वापसी हमारे लिए सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि भावनात्मक जीत है." गांव अब उस पल का इंतजार कर रहा है, जब उनकी 'बेटी' धरती पर कदम रखेगी और उनके बीच होगी.