पिछले कुछ समय में देश की कई प्रतिष्ठित एयरलाइन्स पर सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. इमरजेंसी लैंडिंग से लेकर दूसरी तकनीकी खराबी ने यात्रियों के मन में भी डर पैदा किया है. यहां भी सबसे ज्यादा तकनीकी खराबी के मामले SpiceJet विमानों में देखने को मिले हैं. अब DGCA ने स्पाइजसेट विमानों की चेकिंग की है. उनकी रिपोर्ट भी सामने आई है जिसके बारे में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में बताया है.
जानकारी दी गई है कि स्पाइसजेट के 53 में से 48 विमानों की स्पॉट चेकिंग की गई थी. ये पूरी प्रक्रिया 9 जुलाई से 13 जुलाई के बीच में की गई. अब वीके सिंह ने बताया है कि उस चेकिंग में कोई भी बड़ा सुरक्षा उल्लंघन देखने को नहीं मिला है. वीके सिंह कहते हैं कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए DGCA ने स्पाइसजेट से कहा है कि वर्तमान में वो अपने 10 एयरक्रॉफ्ट सिर्फ तभी इस्तेमाल करे जब तमाम तरह की तकनीकी खराबी ठीक हो जाए.
अब यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि 18 दिनों के अंदर 8 बार स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी देखने को मिल गई है. इसी वजह से DGCA को एयरलाइन को नोटिस भेजना पड़ गया था. उस नोटिस में कहा गया था कि घटनाओं की समीक्षा से पता चलता है कि खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और अपर्याप्त रखरखाव की (क्योंकि अधिकांश घटनाएं या तो सिस्टम के के फेल होने से या कॉम्पोनेन्ट के फेल होने से जुड़ी हैं) वजह से सुरक्षा मार्जिन में गिरावट आई है. नोटिस में इस बात पर भी जोर रहा कि सितंबर 2021 में डीजीसीए द्वारा किए गए वित्तीय मूल्यांकन से यह भी पता चला था कि एयरलाइन 'कैश-एंड-कैरी' (मॉडल) पर काम कर रही है और आपूर्तिकर्ताओं/अप्रूव विक्रेताओं को नियमित आधार पर पेमेंट नहीं किया जा रहा है, जिससे पुर्जों की कमी हो रही है.
कुछ पुरानी घटनाओं की बात करें तो पांच जुलाई को एक स्पाइसजेट विमान जो चीन जा रहा था, उसकी कोलकाता में लैंडिंग करवानी पड़ गई थी. कारण ये रहा कि विमान का वैदर रडार काम नहीं कर रहा था. इसी तरह 2 जुलाई को जबलपुर जा रहे स्पाइसजेट विमान की इमरजेंसी लैंडिंग हुई क्योंकि उस फ्लाइट में 5000 फीट की ऊंचाई पर धुंआ देखा गया.