तमिलनाडु में हिंदी विरोध को लेकर सियासी जंग तेज हो गई है, जिसका असर राज्य के बजट सत्र पर भी दिखाई दिया. तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने 13 मार्च को बजट पेश किया, लेकिन इस दौरान ऐसा कुछ हुआ कि भाषा विवाद को एक बार फिर हवा मिल गई.
इस बजट में राज्य की वित्तीय स्थिति, शिक्षा नीति और तमिल भाषा संरक्षण को लेकर कई अहम घोषणाएं की गईं. साथ ही केंद्र सरकार पर आरोप लगाए गए कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत तमिलनाडु को मिलने वाले 2150 करोड़ रुपये केंद्र ने रोक लिए हैं, जिससे राज्य को नुकसान हो रहा है.
इसके अलावा, उन्होंने यह भी दोहराया कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नेतृत्व में तमिलनाडु अपनी दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) को बनाए रखेगा, भले ही केंद्र सरकार इसके लिए धनराशि रोक दे.इस बयान के बाद तमिलनाडु में भाषा विवाद और गहरा गया है. माना जा रहा है कि राज्य में हिंदी विरोध को लेकर सियासत और तेज होगी, जिससे केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव और बढ़ सकता है.
जब ₹ सिंबल रिप्लेस हुआ ரூ से
देशभर में ₹ का सिंबल बजट का आधिकारिक प्रतीक है. लेकिन तमिलनाडु की सरकार ने इसे ही रिप्लेस कर दिया है. ₹ के सिंबल को जिस ரூ सिंबल से रिप्लेस कर दिया गया.वह तमिल लिपि का अक्षर 'रु' है. यहां खास बात यह है कि पहली बार किसी राज्य ने ₹ के सिंबल में बदलाव किया है. देश में पहली बार किसी राज्य ने राष्ट्रीय मुद्रा के प्रतीक को अस्वीकार किया है.
इस बजट पेश किया, जिसमें राज्य की वित्तीय स्थिति, शिक्षा नीति और तमिल भाषा संरक्षण को लेकर कई अहम घोषणाएं की गईं.तमिल भाषा के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए बजट में 'अग्रम - म्यूजियम ऑफ लैंग्वेजेस' स्थापित करने की घोषणा की गई है. यह संग्रहालय मदुरै वर्ल्ड तमिल संगम परिसर में बनेगा और तमिल भाषा की प्राचीनता और उसके सतत विकास को प्रदर्शित करेगा.
क्या है हिंदी बनाम तमिल विवाद
नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 में तीन-भाषा फॉर्मूले को लेकर तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का आरोप है कि केंद्र सरकार राज्य पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है. दरअसल, केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति के तहत 'ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी' लागू करना चाहती है, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और एक स्थानीय भाषा को शामिल किया गया है. लेकिन तमिलनाडु सरकार इस नीति का कड़ा विरोध कर रही है और हिंदी के खिलाफ अपना रुख साफ कर चुकी है.बीते एक महीने से यह विवाद लगातार गहराता जा रहा है.