केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. पीएम नरेंद्र मोदी के 3 दिवसीय अमेरिका यात्रा के बाद सीतारमण ने ये टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि बराक ओबामा के कारण 6 मुस्लिम बहुल देशों पर बमबारी हुई. सीतारमण ने कहा, 'यह आश्चर्य की बात है कि जब प्रधानमंत्री अमेरिका के दौरे पर थे, तो एक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति (बराक ओबामा) भारतीय मुसलमानों के बारे में बयान दे रहे थे.'
उन्होंने कहा, 'मैं सावधानी के साथ बोल रही हूं, हम अमेरिका के साथ अच्छी दोस्ती चाहते हैं. लेकिन वहां से भारत की धार्मिक सहिष्णुता के बारे में टिप्पणियां आती हैं. शायद उनके (ओबामा) कारण 6 मुस्लिम बहुल देशों पर बमबारी हुई.'
वित्त मंत्री ने कहा, 'सीरिया से लेकर यमन, सऊदी से लेकर इराक तक, क्या बमबारी नहीं हुई? उस समय 7 देशों में युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी और 26,000 बम गिराए गए थे. जब ऐसे नेता भारत की धार्मिक सहिष्णुता पर टिप्पणी करेंगे, तो उन्हें गंभीरता से कौन लेगा?"
ओबामा ने क्या कहा था
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को सलाह दी थी कि उन्हें पीएम मोदी से बातचीत के दौरान मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे को उठाना चाहिए. ओबामा ने कहा था कि अगर उनकी बातचीत पीएम मोदी से होगी, तो वह भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर चर्चा करेंगे और अगर उनके अधिकारों की रक्षा नहीं की गई तो क्या होगा.
बराक ओबामा ने गुरुवार (अमेरिकी समयानुसार) को CNN को दिए इंटरव्यू में कहा, ''यदि मेरी पीएम मोदी से बातचीत होती, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं तो मैं यही कहता कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो मुमकिन है कि भविष्य में भारत में विभाजन बढ़े. ये भारत के हितों के विपरीत होगा.'' उन्होंने कहा, हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा काबिले-जिक्र है.
'स्टैंडिंग ओवेशन मिलना देश के लिए गर्व की बात'
वित्त मंत्री का कहना है कि यह एक द्विदलीय निमंत्रण था जो (अमेरिका में) संयुक्त सदन को संबोधित करने के लिए पीएम को दिया गया था और यह एक बहुत ही क्षण था. यह दूसरी बार है जब किसी पीएम को संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए बुलाया गया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस का और इस तरह का स्टैंडिंग ओवेशन मिलना इस देश में हम सभी के लिए गर्व की बात है. उस यात्रा के दौरान और विशेष रूप से भाषण में, प्रधान मंत्री ने बहुत स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते कहां हैं और क्या है यह वैश्विक व्यवस्था की दिशा में काम कर सकता है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान कई समझौते किए. उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मिलकर कई करार पर हस्ताक्षर किए.