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Pollution: प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र और दिल्ली समेत 3 राज्य सरकारें क्या-क्या कर रही हैं, जानें डिटेल

दिल्ली-NCR में प्रदूषण (Air Pollution in Delhi-NCR) को कैसे कंट्रोल किया जाए, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा था. केंद्र और राज्य सरकारों ने हलफनामे दायर करके उठाए गए कदमों की जानकारी दी है.

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दिल्ली में पलूशन को कंट्रोल करने के लिए स्मॉग टावर लगाया गया था (फोटो- PTI)
दिल्ली में पलूशन को कंट्रोल करने के लिए स्मॉग टावर लगाया गया था (फोटो- PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में प्रदूषण नहीं हो रहा कंट्रोल
  • दिल्ली का AQI 350 के ऊपर है
  • सुप्रीम कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई

दिल्ली-NCR के जानलेवा प्रदूषण (Air Pollution in Delhi-NCR) को कैसे कंट्रोल किया जाए, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को फिर सुनवाई हुई. कोर्ट में दिल्ली सरकार के अलावा केंद्र सरकार, हरियाणा और पंजाब सरकार ने एफिडेविट दायर किया है. इसमें बताया गया है कि उन्होंने प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए क्या कदम उठाए हैं.

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बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के कर्मियों के WFH करने पर विचार करने को कहा था. लेकिन केंद्र सरकार ने अपने एफिडेविट में साफ कहा कि केंद्र कर्मचारियों का वर्क फ्रॉम होम मुमकिन नहीं है.

केंद्र ने अपने हलफनामे में क्या कहा
- केंद्र सरकार ने 392 पेज का हलफनामा दायर किया है.
- केंद्र अपने कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम होम करने के पक्ष में नहीं, कहा गया कि कोविड के चलते पहले की कामकाज प्रभावित हुआ है और WFH से ज्यादा फायदा भी नहीं होगा.
- केंद्र ने अपने कर्मचारियों को कार पूल करने की एडवाजयरी जारी की है.
- दिल्ली में 6 थर्मल पावर प्लांट बंद किए गए.

हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट को क्या बताया
- हरियाणा सरकार ने 12 पेज का एफिडेविट दायर किया.
- कई जिलों में वर्क फ्रॉम होम लागू. इसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर और सोनीपत शामिल है.
- पानीपत पावर प्लांट को बंद किया गया है. इसकी कुल क्षमता 450 मेगावाट है. इसे 30 नवंबर तक बंद रखा जाएगा.
- NCR के सभी जिलों में स्पेशल ड्राइव चलेंगी. इसमें उन भारी वाहनों पर एक्शन होगा जो कि निर्माण आदि की सामग्री को बिना कवर किए लेकर जा रहे होंगे. इनका चलान होगा और आगे नहीं जाने दिया जाएगा.
- शहरी स्थानीय निकाय विभाग ठोस अपशिष्ट जलाने और निर्माण स्थलों पर हो रहे उल्लंघन पर नजर रख रहा है.
- कम से कम अगले 15 दिनों तक मीडिया में विज्ञापन दिया जाएगा, जिसमें किसानों से पराली ना जलाने की गुजारिश की जाएगी.
- हरियाणा सरकार के एफिडेविट में यह आंकड़ा नहीं दिया गया है कि वहां कितनी पराली जलाई जाती है और किसान ऐसा ना करें इसके लिए क्या कदम उठाए गए और कितना मुआवजा उनको दिया गया. कोर्ट ने यह आंकड़ा मांगा था.

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पंजाब ने क्या कदम उठाए
- पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना, 2500 से 15 हजार तक जुर्माना वसूला जा रहा.
- 2021 में 10024 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें खरीदी गई.
- केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 100 रुपये क्विंटल का मुआवजा दिया जाए. लेकिन इसपर कोई जवाब नहीं आया है.
- कार्ययोजना बनाई गई, जागरूकता फैलाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए.

दिल्ली सरकार ने भी लिए कड़े फैसले

राजधानी दिल्ली के 300 किमी के दायरे में आने वाले 11 में से 6 थर्मल पावर प्लांट 30 नवंबर बंद तक रहेंगे. सिर्फ 5 प्लांट- NTPC, झज्जर; महात्मा गांधी TPS, CLP झज्जर; पानीपत TPS, HPGCL; नाभा पावर लिमिटेड TPS, राजपुरा और तलवंडी साबो TPS, मनसा में ही काम होगा.

दिल्ली-एनसीआर के सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे. इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई ही होगी. दिल्ली-एनसीआर के सभी सरकारी और निजी दफ्तरों में काम करने वाले 50 फीसदी कर्मचारियों को ही आने की अनुमति होगी. बाकी 50 फीसदी कर्मचारी 21 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम मोड में काम करेंगे.

21 नवंबर तक सभी तरह की कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर भी रोक लगा दी गई है. अगर कोई व्यक्ति या संस्था सड़क किनारे कंस्ट्रक्शन से जुड़ा मलबा फेंकता हुआ पाया जाता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.

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गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली में सारे ट्रकों की एंट्री पर 21 नवंबर तक रोक लगा दी गई है. इसमें सिर्फ जरूरी सामानों को ढोने वाले ट्रकों को ही छूट दी गई है. डीजल जनरेटरों यानी डीजी सेट्स पर भी रोक है.

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