पश्चिम बंगाल में एक बार फिर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पत्थर फेंकने का मामला सामने आया. हालांकि जब इस मामले की जांच की गई तो यह दावा गलत निकला. नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे की प्राथमिक जांच में पता चला कि रविवार को वंदे भारत एक्सप्रेस में पथराव की ऐसी कोई घटना नहीं हुई. यह अफवाह थी. दरअसल कुछ यात्रियों ने दावा किया कि उन्होंने आवाज सुनी लेकिन पत्थरबाजी की वजह से यह आवाज नहीं हुई थी. वास्तव में खिड़की पर खरोंच पत्थरबाजी के कारण नहीं आई थी.
दरअसल सूचना दी गई थी कि वंदे भारत के C14 कम्पार्टमेंट पर पत्थर फेंके गए थे. इस घटना की वजह से ट्रेन को बोलपुर स्टेशन पर काफी देर रोकना पड़ा था, जबकि यहां सिर्फ़ 2 मिनट का ही स्टॉपेज है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 30 दिसंबर को बंगाल में वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. इसके बाद 1 जनवरी और फिर 2 जनवरी को ट्रेन पर पत्थर फेंकने की घटना सामने आई थी. इस बारे में पूर्वी रेलवे की CPRO ने एक बयान भी दिया था. उन्होंने कहा था कि वीडियो फुटेज स्कैन करने के बाद ये पता चला है कि सोमवार (1 जनवरी) को हुई पत्थरबाजी मालदा जिले में हुई थी. वहीं मंगलवार (2 जनवरी) की घटना बिहार के किशनकंज की थी. उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया कि आरोपियों को पकड़ने का प्रयास जारी है. अब जांच तो जारी है ही, लेकिन बीजेपी ने इस मामले में NIA तफ्तीश की मांग उठा दी है.
ममता बनर्जी ने पत्थरबाजी से किया था इनकार
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1 और 2 जनवरी को हुई पत्थरबाजी की घटना से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि वंदे भारत पर बिहार में पत्थर फेंके गए थे, पश्चिम बंगाल में नहीं. जिन भी लोगों ने झूठ फैलाने का काम किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हमारे राज्य को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. वैसे भी वंदे भारत कोई नई ट्रेन नहीं है. ये तो एक पुरानी ट्रेन है जिसमें नया इंजन लगा दिया गया है.
बीजेपी ने की थी NIA जांच की मांग
1 जनवरी को वंदे भारत पर पथराव के बाद पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी लीडर शुभेंदु अधिकारी ने घटना को लेकर एनआईए जांच की मांग की थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा था- यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत के गौरव वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव हुआ. क्या यह उद्घाटन के दिन 'जय श्री राम' के नारों का बदला है? मैं पीएम नरेंद्र मोदी, भारतीय रेल से इस मामले में एनआईए को जांच सौंपने का आग्रह करता हूं.