वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सामने आया है. वाल्टेयर डिवीजन रेलवे की जानकारी के मुताबिक कुछ अराजकतत्वों ने ट्रेन पर पथराव कर दिया, जिससे C-8 कोच की खिड़की का शीशा टूट गया है. इस ट्रेन को सुबह 5:45 बजे रवाना होता था लेकिन अब यह 9:45 बजे रवाना की जाएगी. इससे पहले जनवरी में कांचरापलेम के पास ट्रेन पर मेंटेनेंस के दौरान पथराव हुआ था, जिससे उसके एक कोच का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया. यह ट्रेन सिकंदराबाद से विशाखापट्टनम के बीच दौड़ेती. इस दौरान यह वारंगल, खम्माम, विजयवाड़ा और राजमुंद्री में रुकती है.
जनवरी में उद्घाटन से भी हुआ था पथराव
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 11 जनवरी को वंदे भारत ट्रेन पर पथराव का मामला सामने आया था. पीएम नरेंद्र मोदी 19 जनवरी को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले थे. कुछ शरारती तत्वों ने वंदे भारत ट्रेन पर पथराव कर दिया था, जिससे ट्रेन के दो कोच की खिड़कियों के शीशे टूट गए थे. ट्रेन जब ट्रायल रन पूरा करने के बाद विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन से मरीपालेम के कोच मेंटेनेंस सेंटर जा रही थी, तभी यह पथराव हुआ था.
160 किमी./ घंटा है वंदे भारत की स्पीड
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2 अप्रैल को ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने देश में निर्मित पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत की रफ्तार की झलक दिखाई थी. ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पटरी पर दौड़ रही है. अश्विनी वैष्णव ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा था- '140… 145… 150... 160 किलोमीटर प्रति घंटा. रफ्तार देश की. हमारी Vande Bharat.' फिलहाल, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटा करने की दिशा में काम चल रहा है.
देश में 11 वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रहीं
वर्तमान समय में कुल 11 वंदे भारत ट्रेनें पटरियों पर दौड़ रही हैं. जिनमें वाराणसी से नई दिल्ली, मैसूर से चेन्नई, मुंबई से गांधीनगर, विशाखापट्टनम से सिकंदराबाद, न्यू जलपाईगुड़ी से हावड़ा, नई दिल्ली से अंदौरा, माता वैष्णो देवी कटरा से नई दिल्ली, सोलापुर से मुंबई, शिरडी से मुंबई और बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेनें शामिल हैं. हाल ही में पीएम मोदी ने भोपाल से मध्य प्रदेश की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह देश की 11वीं वंदे भारत ट्रेन है. आने वाले वर्षों में करीब 400 ट्रेनें तैयार की जाएंगी.