रेलवे अधिकारियों ने दिए जांच के आदेश
वंदे भारत एक्सप्रेस में सवार रेल कर्मचारी आसिफ खान ने बताया- अभी यह पता नहीं चल पाया है कि अंधेरे में किसने और किस इरादे से यह पत्थरबाजी की. रेलवे अधिकारियों ने पूरी घटना की गहन जांच कराने के लिए कहा है. कुमारगंज में बाहर से पथराव किया गया था."
यात्री रिंतू घोष ने इंडिया टुडे को बताया- 'बाहर से लोगों ने पथराव किया. यह चौंकाने वाला था. पत्थर लगने से कांच टूट गया. यह घटना ट्रेन के मालदा स्टेशन पहुंचने से ठीक पहले हुई. शुक्र है कि पत्थर के टुकड़ों से किसी भी यात्री को चोट नहीं आई लेकिन हम सहमे हुए हैं.
पीएम ने 30 दिसंबर को दी थी सौगात
पीएम नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर को मां हीरा बा को मुखाग्नि देने के बाद पश्चिम बंगाल को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात दी थी. यह वंदे भारत ट्रेन अभी हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी रूट तक का सफर तय करती है. ट्रेन यह दूरी मजह करीब 7.5 घंटे में पूरा करतमी है यानी यह अन्य ट्रेनों की तुलना में तीन घंटे पहले ही यात्रियों को पहुंचा देती है.
यह ट्रेन सुबह छह बजे हावड़ा स्टेशन से रवाना होती और दोपहर 1:30 बजे न्यू जलपाईगुड़ी पहुंच जाती है. न्यू जलपाईगुड़ी में लगभग एक घंटे तक रुकने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस दोपहर 2:30 बजे यहां से रवाना होती और रात 10 बजे कोलकाता पहुंच जाती है. ट्रेन ईस्टर्न रेलवे के तहत हफ्ते में छह दिन चलती है. यह देश की सातवीं और पूर्वी खेमे की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस है.
बरसोई, माल्डा और बोलपुर पर है हॉल्ट
अधिकारियों का कहना है कि यह ट्रेन बरसोई, माल्डा और बोलपुर इन तीन जगहों पर रुकेंगी. इस सेमी-हाईस्पीड ट्रेन में सभी तरह की सुविधाएं हैं. इस ट्रेन में 16 कोच हैं, जिनमें दो चालक कक्ष हैं. इनमें दो विशेष कोच भी है जबकि बाकी सामान्य कोच होंगे. हर कोच में दो कतारों में कुल 78 सीटें हैं.
(रिपोर्ट: Deepaneeta Das)