scorecardresearch
 

NEET-JEE परीक्षा के विरोध में कई दल, राहुल बोले- छात्रों के मन की बात सुने सरकार

एनटीए के आदेश से सबसे ज्यादा प्रभावित यूपी और बिहार के वैसे छात्र दिख रहे हैं जो बाढ़ प्रभावित इलाके में रहते हैं. उनके सामने समस्या दोहरी है. एक तो कोरोना की वजह से वे बच रहे हैं, दूसरा कोरोना और बाढ़ की वजह से सवारी बंद है. ऐसे में परीक्षा सेंटर तक पहुंचना भी उनके लिए मुश्किल है.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना के बीच परीक्षा कराने का विरोध
  • परीक्षा स्थगित करने की तेज हुई मांग
  • राहुल ने कहा- छात्रों की सुने सरकार

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 21 अगस्त को ऐलान किया कि सितंबर में जेईई मेंस और नीट की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी. जेईई मेंस की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच जबकि नीट की परीक्षा 13 सितंबर को कराई जाएगी. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन की बाढ़ आ गई जिसमें छात्रों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है.

Advertisement

विरोध प्रदर्शन में छात्रों की मांग है कि जब तक कोरोना का संक्रमण नहीं थमता तब तक परीक्षा को स्थगित किया जाए. एनटीए के आदेश से सबसे ज्यादा प्रभावित यूपी और बिहार के वैसे छात्र दिख रहे हैं जो बाढ़ प्रभावित इलाके में रहते हैं. उनके सामने समस्या दोहरी है. एक तो कोरोना की वजह से वे बच रहे हैं, दूसरा कोरोना और बाढ़ की वजह से सवारी बंद है. ऐसे में परीक्षा सेंटर तक पहुंचना भी उनके लिए मुश्किल है.


बाढ़-कोरोना की मार
ऐसी समस्या देश के लगभग हर हिस्से में है क्योंकि कहीं बाढ़ है तो कहीं कोरोना की वजह से लॉकडाउन. ऐसे में छात्रों की चिंता इस बात की है कि वे परीक्षा की तैयारी कैसे करेंगे और सेंटर तक कैसे पहुंचेंगे. छात्र सड़कों पर उतर कर विरोध नहीं कर सकते, लिहाजा सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं. सोशल मीडिया पर उन्हें कई पार्टियों के नेताओं का समर्थन मिल रहा है.

Advertisement

रविवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने छात्रों की मांग से सहमति जताई. दोनों ने ट्वीट कर सरकार से फैसले पर दोबारा सोचने का आग्रह किया. राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं. NEET, JEE परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए. केंद्र सरकार को NEET, JEE परीक्षा को लेकर छात्रों के मन की बात सुननी चाहिए और एक सार्थक समाधान निकाला जाना चाहिए.


प्रधानमंत्री-शिक्षा मंत्री से गुहार
ऐसी ही बात प्रियंका गांधी ने भी उठाई और ट्वीट में लिखा, कोरोना को लेकर देश में परिस्थितियां अभी सामान्य नहीं हुई हैं. ऐसे में अगर NEET और JEE परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों ने कुछ चिंताएं जाहिर की हैं तो भारत सरकार व टेस्ट कराने वाली संस्थाओं को उस पर सही से सोच विचार करना चाहिए. प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर इसे सत्याग्रह अभियान का नाम दिया है.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर दोबारा इसकी तारीख घोषित करने की मांग की है. अधीर रंजन चौधरी ने पत्र में लिखा है कि देश को कोरोना से निजात नहीं मिली है और संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में परीक्षा आयोजित करना 25 लाख छात्रों को संक्रमण के जोखिम में डाल सकता है.

Advertisement

दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी विरोध में

दिल्ली के मंत्री मनीष सिसोदिया और गोपाल राय ने परीक्षा स्थगित करने की मांग की. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि सरकार परीक्षा के नाम पर लाखों छात्रों की जिंदगी से खेल रही है. गोपाल राय ने कहा, अगर सरकार कोई विकल्प बना रही है तो छात्रों से बातचीत करनी चाहिए. पूरे देश के छात्रों को ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. नई परिस्थितियों में नए समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए केंद्र सरकार को छात्रों की बात अनसुनी करने की बजाय लॉजिकल निर्णय लेना चाहिए.

सांसद और लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिख कर परीक्षा स्थगित करने की मांग की है. उन्होंने पत्र लिख कर छात्रों की स्वास्थ्य चिंताओं की ओर शिक्षा मंत्री का ध्यान खींचा है.

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी परीक्षा रोकने की मांग उठाई है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि केंद्र सरकार, एनटीए, यूजीसी और आईआईटी दिल्ली को मानवीय पक्ष का ख्याल रखना चाहिए और छात्रों की दुर्दशा पर सोचना चाहिए. ऐसा ही एक पत्र राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर परीक्षा रोके जाने की मांग की है.

Advertisement

Advertisement
Advertisement