पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सम्मान देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में होड़ मची है. दोनों ही पार्टियां अपने-अपने तरीके से नेताजी को सम्मान देने में जुटी हैं. नेताजी की 125वीं जयंती को बीजेपी और टीएमसी भव्य रूप से मना रही हैं. सुभाष चंद्र बोस को मिल रहे इस सम्मान से उनकी बेटी अनिता बोस खुश तो हैं, लेकिन साथ ही वो ये भी कहती हैं कि नेताजी को उचित सम्मान नहीं मिला.
आजतक से खास बातचीत में अनिता बोस ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि नेताजी को उनकी 125वीं जयंती पर सम्मान मिल रहा है. प्रधानमंत्री उन्हें सम्मान देने कोलकाता आए, ये देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है, लेकिन जो सम्मान उन्हें मिलना चाहिए था वो नहीं मिला.
अनिता बोस ने कहा कि ये मेरे पिता के लिए बहुत अच्छी बात है कि इतने वर्षों बाद भी लोग उन्हें याद करते हैं. उनसे प्यार करते हैं. नेताजी ने अपने देश के लिए बहुत कुछ किया.
नेताजी को भारत के इतिहास में वो जगह नहीं मिली, जिसके वो हकदार थे. जिस तरह से उन्होंने अंग्रेजों का सामना किया, उनको चुनौती दी. क्या आपको लगता है कि उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला. इस सवाल पर अनिता बोस ने कहा कि कुछ हद तक मुझे ये बात सच लगती है. आजादी के कुछ साल बाद तक बहुत सारे कागजात उपलब्ध नहीं थे. बाद में जब वो मिले तब मालूम पड़ा कि उनकी INA ने देश की आजादी में अहम रोल निभाया.
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'नेताजी की विरासत का राजनीतिकरण हो रहा'
बंगाल में चुनाव होने वाले हैं और नेताजी को लेकर भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस में जबरदस्त भिड़ंत है. इसपर अनिता बोस ने कहा कि दोनों ही पार्टियां नेताजी की विरासत का राजनीतिकरण कर रही हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेताजी की प्रशंसक हैं और मुझे लगता है कि पीएम मोदी भी नेताजी के प्रशंसक हैं. कुछ हद तक ये सही भी है कि वे नेताजी पर अपना दावा करते हैं. लेकिन एक तरफ मुझे ये भी लगता है कि चुनाव से ठीक पहले ऐसा करना ठीक नहीं.
अनिता बोस ने कहा कि दोनों पार्टियों को साथ आकर नेताजी का सम्मान करना चाहिए. लेकिन ये अच्छा है कि नेताजी को सम्मान देने के लिए दोनों पार्टियों में कम्पटीशन है. अनिता बोस ने कहा कि मैं भारत की बहुत आभारी हूं. नेताजी इस सम्मान के हकदार थे. उन्होंने भारत के लिए बहुत कुछ किया.