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वैक्सीन की अनुमति के लिए सीरम और भारत बायोटेक को करना होगा इंतजार, SEC ने दिए सुझाव

सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (एसईसी) की ओर से बैठक के बाद तीनों कंपनियों के लिए सिफारिश की गई है. एसईसी ने भारत बायोटेक के बारे में कहा है कि इस कंपनी को तीसरे चरण की जारी क्लानिकिल ट्रायल को लेकर सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा प्रस्तुत करना चाहिए.

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SII की वैक्सीन को अभी अनुमति नहीं (सांकेतिक-पीटीआई)
SII की वैक्सीन को अभी अनुमति नहीं (सांकेतिक-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • SII और बायोटेक और डेटा जमा कराएंः SEC
  • फाइजर, सीरम और भारत बायोटेक ने मांगी इजाजत
  • भारत सरकार की संस्था CDSCO देती है लाइसेंस

सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (एसईसी) का कहना है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक को कोरोना वैक्सीन को लेकर अभी और अधिक डेटा जमा कराने की आवश्यकता है. जबकि तीसरी कंपनी फाइजर के बारे में एसईसी की ओर से कहा गया है कि इस कंपनी ने प्रजेंटेशन के लिए और समय मांगा है. 

सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (एसईसी) ने ईयूए यानी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति को लेकर बैठक की जिसके बाद एसईसी ने सुझाव देते हुए कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक दोनों को भारत में वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अनुमति हासिल करने को लेकर और अधिक डेटा जमा करने की आवश्यकता है. यह अनुमोदन एसईसी के साथ नहीं बल्कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के साथ है.

सूत्रों के अनुसार, कमिटी का मानना है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को अनुमति हासिल करने के लिए अभी इंतजार करना होगा. सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (एसईसी) का काम ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सुझाव देना है. जबकि DCGI इस संबंध में अनुमति देने वाली एकमात्र संस्था है.

इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को लेकर अनुमति दिए जाने से इनकार की खबरों का खंडन किया है. मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर इसे फेक न्यूज करार दिया गया.

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SEC की सिफारिश

एसईसी की ओर से बैठक के बाद तीनों कंपनियों के लिए सिफारिश की गई है. एसईसी ने भारत बायोटेक के बारे में कहा है कि इस कंपनी को तीसरे चरण की जारी क्लानिकिल ट्रायल को लेकर सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा प्रस्तुत करना चाहिए.

फाइजर के बारे में एसईसी की ओर से कहा गया है कि इस कंपनी ने प्रजेंटेशन के लिए और समय मांगा है. जबकि सीरम इंस्टीट्यूट को लेकर कमिटी ने कहा कि भारत में इसके वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल मिला दिया गया था, इसलिए ऑक्सफोर्ड के तीसरे चरण का ट्रायल के परिणाम को माना जाएगा.

इंग्लैंड में एमएचआरए के साथ आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति के लिए मामला विचाराधीन है. जबकि भारत में दूसरे और तीसरे चरण क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है.

आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति

इस बीच ब्रिटेन में कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है, लेकिन भारत में कोरोना वैक्सीन का अभी इंतजार है. पिछले दिनों दुनिया की तीन नामी वैक्सीन कंपनियां सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, फाइजर, और भारत बायोटेक ने भारत में कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति सरकार से मांगी.

तीनों कंपनियों ने भारत सरकार की संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) से कोरोना वैक्सीन के आपात प्रयोग की अनुमति मांगी है. CDSCO भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली राष्ट्रीय नियामक संस्था है. CDSCO ही नई दवाओं/वैक्सीन को लॉन्च करने की इजाजत देने, भारतीय दवा कंपनियों और मेडिकल डिवाइस बानाने वाली कंपनियों के उत्पादों पर नजर रखती है.

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अमेरिकी कंपनी फाइजर ने 4 दिसंबर को, ऑक्सफोर्ड के लिए कोरोना वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ने 6 दिसंबर और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने 7 दिसंबर को, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी. 

हालांकि फाइजर को ब्रिटेन में अपने कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है. कल मंगलवार को वहां 90 साल की एक महिला को वैक्सीन लगाया गया. 

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