तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलने वाले लड्डू को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. इस मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं. दोनों याचिकाओं में प्रसाद का लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले घी में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी के कथित आरोपों की स्वतंत्र जांच करने और स्वतंत्र जांच करने के लिए अदालत की निगरानी में समिति बनाने की मांग की है.
इस मुद्दे को लेकर एक याचिका तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी द्वारा ने दायर की है तो दूसरी याचिका भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर की गई है.
'इस मामले की जांच की जरूरत है'
याचिका में कहा गया है कि कुछ खुलासे सार्वजनिक डोमेन में किए जाने चाहिए और इस विषय की गहन और विस्तृत जांच की जरूरत है. वाईवी सुब्बा रेड्डी ने अपनी याचिका में कहा कि दुनिया भर के श्रद्धालुओं के बीच चिंता के बावजूद राज्य और केंद्र ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बयानों के बारे में कोई साफ स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.
उन्होंने आगे तर्क दिया कि सीएम नायडू के राजनीतिक पार्टी यानी टीडीपी ऑफिस ने कुछ डॉक्यूमेंट्स जारी किए और भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के भक्तों के अंदर जानबूझकर अशांति पैदा करने के लिए नेशनल और स्थानीय मीडिया में इसकी चर्चा की. इस छोटी-सी जानकारी के सामने आने के बाद कुछ लोगों को सूचना के आधार पर राजनीतिक बयान देने का मौका मिल गया है. जो कि सार्वजनिक क्षेत्र में नहीं था.
याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित मंदिर की परंपरा के हिस्से के रूप में प्रसादम के रूप में लड्डू तैयार करने को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा इसे टीटीडी द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार विनियमित और पर्यवेक्षण किया जाना चाहिए.
वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका में लैब-रिपोर्ट की विस्तृत फोरेंसिक और उस रिपोर्ट के सैंपल के रूप में इस्तेमाल किए गए घी के स्त्रोत के बारे में रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
क्या है मामला
बता दें कि बीते हफ्ते आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने के लिए जानवरों की चर्बी और अन्य घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.
20 सितंबर को गुजरात स्थित पशुधन लैबोट्री एनडीडीबी सीएएलएफ लिमिटेड ने भी पुष्टि की कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिस ऑयल होता है. इस रिपोर्ट की कॉपी को टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने साझा किया था.
टीडीपी प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा, "सैंपल की लैब रिपोर्ट पुष्टि करती है कि घी की तैयारी में जानवरों की चर्बी, लार्ड और फिश ऑयल का इस्तेमाल किया गया था. जिसे तिरुमाला को सप्लाई किया गया था, जिसकी एस वैल्यू 19.7 है. विवाद के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से बात की और पूरे मामले पर रिपोर्ट मांग की थी.