पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में की गई अवैध नियुक्तियों में कथित संलिप्तता के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार रात सुजय कृष्ण भद्र को गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, ईडी ने भद्र को पूछताछ के लिए बुलाया था. उनसे अधिकारियों ने करीब 12 घंटे तक पूछताछ की और देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. भद्र को सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के दिग्गज नेताओं को करीबी बताया जाता है.
न्यूज एजेंसी को ईडी के एक अधिकारी ने फोन पर बताया, "पूछताछ के दौरान उन्होंने (भद्र) हमारे अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं किया. हमने नौकरी घोटाले से जुड़े कुछ प्रासंगिक सवालों के जवाब हासिल करने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया."
बता दें कि ईडी ने पिछले हफ्ते सुजय भद्र को समन भेजकर पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था. वह इससे पहले सीबीआई के सामने कई बार पेश हुए थे, जो भर्ती घोटाले की समानांतर जांच कर रही है.
गिरफ्तारी को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल ने कहा, "कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास टीएमसी में शामिल हुए थे. इससे बीजेपी, सीपीआई (एम) और कांग्रेस में खलबली मच गई थी. हो सकता है कि यह गिरफ्तारी उस नैरेटिव से ध्यान हटाने के लिए की गई हो."
एसएससी घोटाले में अब तक सबसे बड़ी गिरफ्तारी- बीजेपी
बीजेपी ने कहा कि यह स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है. राज्य बीजेपी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "एसएससी घोटाले में यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण गिरफ्तारी है. कानून आखिरकार मास्टरमाइंड और सबसे बड़े लाभार्थियों को पकड़ने के करीब पहुंच रहा है. भ्रष्टाचार में शामिल टीएमसी नेताओं की सूची लंबी है."
वहीं कांग्रेस ने भी गिरफ्तारी को लेकर टीएमसी पर निशाना साधा. राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा कि वह दिन दूर नहीं जब "शीर्ष टीएमसी नेता सलाखों के पीछे होंगे".
अब तक हो चुकी हैं कई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि ईडी ने अब तक पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनके दोस्त और कई अन्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों को करोड़ों रुपये के घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने जांच के सिलसिले में टीएमसी विधायक जीबन कृष्ण साहा और माणिक भट्टाचार्य को भी गिरफ्तार किया है. भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं.
(भाषा के इनपुट के साथ)