200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बंद सुकेश चंद्रशेखर रोहिणी जेल से भी अपना ठगी का रैकेट चला रहा था. सुकेश जेल अधिकारियों की मिलीभगत से जबरन वसूली का रैकेट चला रहा था. रैकेट चलाने में सुकेश की मदद करने के मामले में रोहिणी जेल के तीन अधिकारी जांच के घेरे में हैं. इन अधिकारियों ने हर महीने करोड़ों रुपये लेकर जबरन वसूली का रैकेट चलाने में सुकेश की मदद की.
ये तीनों अधिकारी 2020-21 में रोहिणी जेल नंबर 10 में तैनात थे, जहां सुकेश को रखा गया था. जेल के अंदर ऐशो-आराम की चीजों को उपलब्ध कराने को लेकर अधिकारियों और सुकेश के बीच बातचीत भी हुई थी. जेल में रहकर सुकेश ने इन सुविधाओं का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया. सुकेश द्वारा की गई कमाई से जेल अधिकारियों को अवैध रिश्वत मिली. इन तीनों अधिकारियों को 7 फरवरी 2023 को PMLA एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया. ये तीनों न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं.
ये तीन अधिकारी हुए गिरफ्तार
- सुंदर बोरा (रोहिणी जेल के तत्कालीन अधीक्षक )
- महेंद्र प्रसाद सुंदरीयाल (रोहिणी जेल के तत्कालीन उप अधीक्षक)
- धर्म सिंह मीणा (रोहिणी जेल के तत्कालीन सहायक अधीक्षक)
किसे कितना पैसा मिला?
सूत्रों के मुताबिक, सुंदर बोरा को हर महीने 1.5 करोड़ रुपए, जबकि महेंद्र प्रसाद को 25 लाख रुपए मिले. सुकेश ने प्रोटेक्शन मनी के तौर पर करोड़ो रुपये इन अधिकारियों को दिए. सुकेश ने कथित तौर पर डीजी जेल को हर महीने करीब ₹2 करोड़ देने की बात कबूल की है.
सुकेश को जेल में मिलीं ये सुविधाएं
- IPHONE 12 PRO : सुकेश द्वारा पैरोल के दौरान चेन्नई से एक Iphone 12 Pro खरीदा गया था और जेल के अंदर जबरन वसूली के लिए इस्तेमाल किया गया.
- एयरटेल सिम कार्ड : जेल अधिकारियों ने सुकेश को एक एयरटेल सिम कार्ड दिलाने में मदद की, इसका इस्तेमाल जेल परिसर के अंदर इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किया गया था.
- टेलीग्राम और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करता था सुकेश- सुकेश ने आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया. वह जेल से टेलीग्राम और व्हाट्सएप एप के जरिए अदिति सिंह और अन्य लोगों से बातचीत करता था.
- सुकेश को जेल में अलग बैरक दी गई थी. यहां तक कि कोरोना काल में भी, जब जेल भरे हुए थे, तब वह अलग बैरक में रहता था.
- सुकेश को सीसीटीवी निगरानी से भी छूट मिली थी. सुकेश के सेल में लगे सीसीटीवी को पर्दों और पानी की बोतलों से ढक दिया जाता था.
- सुकेश अपने वकील से बात करने के लिए जेल अधीक्षक के दफ्तर का इस्तेमाल करता था.
कैसे पहुंचता था अधिकारियों तक पैसा?
- सूत्रों के मुताबिक, सुकेश के कहने पर रोहिणी जेल के तत्कालीन सहायक अधीक्षक धर्म सिंह मीणा ने उसके करीबी दीपक रामनानी से पैसे लिए थे.
- सुकेश जेल के भीतर दीपक रमनानी से बात कर पैसे देने की तारीख, समय और स्थान तय करता था.
- धर्म सिंह मीणा दीपक से पैसे लेता था और उसके बाद जेल अधिकारियों के बीच बांट देता था. इसके लिए धर्म सिंह मीणा को अलग से पैसा मिलता था.
- अधिकारियों ने कथित रूप से इस पैसे का इस्तेमाल घरेलू खर्च, डाकघर बचत खाते में निवेश, फ्लैट खरीदने समेत अन्य जगहों पर किया.
कौन है सुकेश?
सुकेश चंद्रशेखर कर्नाटक के बेंगलुरु का रहने वाला है. सुकेश 2007 में 17 साल की उम्र में ठगी के मामले में पहली बार जेल गया था. सुकेश ने एक्ट्रेस लीना मारिया पॉल से शादी की है. वह ठगी के मामले में उसका साथ देती रही. सुकेश ने करोड़ो रुपये की ठगी की कई वारदातों को अंजाम दिया है. पुलिस ने उसके पास से कई महंगी कारें भी बरामद की थीं. सुकेश पर जेल में रहकर फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये की ठगी की.
इसके बाद सुकेश को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था. तिहाड़ जेल में उसने अधिकारियों से सांठगांठ की और अपने ठगी के धंधे को आगे बढ़ाया. इतना ही नहीं सुकेश ने तिहाड़ में रहकर अभिनेत्री जैकलीन और नोरा से नजदीकियां भी बढ़ाईं. सुकेश ने जैकलीन और नोरा को करोड़ो रुपये के गिफ्ट्स दिए.