करोड़ों रुपये की ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखा है. इस पत्र में सुकेश ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ उनकी नई शिकायत पर विचार करने की अपील की है. इससे दो दिन पहले ही सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन और पूर्व जेल अधीक्षक राज कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले के तहत जांच करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल से मंजूरी मांगी थी. सीबीआई ने कहा था कि दोनों पर जेलों में सुरक्षा प्रदान करने के बदले जेल के कैदी और ठग सुकाश चन्द्रशेखर से मोटी रकम वसूलने का आरोप है.
सुकेश ने लगाए क्या आरोप?
सुकेश ने अपने नए पत्र में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सुकेश ने पत्र में कहा है कि सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसौदिया जेल से समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं, पूरा जेल प्रशासन उनकी कठपुतली है. सुकेश ने आरोप लगाया कि उसे जेल अधिकारियों द्वारा गंभीर, निरंतर, मानसिक दबाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, जो आज तक पूरी तरह से सत्येन्द्र जैन और अरविंद केजरीवाल के निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं.
सुकेश ने एलजी से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. उसने अपने पत्र में कहा है कि वह अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों को बेनकाब करने और उनके खिलाफ खड़े होने के कारण भारी जोखिम में है. सुकेश ने जांच और अंतिम रिपोर्ट दाखिल होने तक गवाह के रूप में अपनी सुरक्षा के लिए आप सरकार के नियंत्रण से बाहर की जेल में उसे स्थानांतरित करने की भी मांग की है.
सुकेश ने अपील की है कि उसके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाए जो उससे मुलाकात कर उसका बयान दर्ज करे. सुकेश ने आरोप लगाया है कि वह गंभीर खतरे में है. उसने आरोप लगाया कि केजरीवाल कानूनी जांच का सामना कर रहे हैं, इसलिए वह सभी को चुप कराने के लिए हर तरह की कोशिश कर रहे हैं.
सीबीआई ने क्यों मांगी केस चलाने की अनुमति?
सीबीआई ने जेल में आरामदायक जिंदगी के बदले में सुकेश चंद्रशेखर समेत हाई-प्रोफाइल कैदियों से करोड़ों रुपये की कथित उगाही के मामले में सत्येंद्र जैन, पूर्व जेल अधीक्षक राज कुमार और पूर्व जेल महानिदेशक संदीप गोयल के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है.
अधिकारियों के मुताबिक, जैन और जेल अधिकारी राजकुमार के खिलाफ मंजूरी की अपील एलजी दफ्तर भेजी गई है, जबकि निलंबित आईपीएस अधिकारी गोयल और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मुकेश प्रसाद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क किया गया है.
1989 बैच के अधिकारी संदीप गोयल को उनके खिलाफ वसूली के आरोप लगने के बाद पिछले साल गृह मंत्रालय ने निलंबित कर दिया था. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि उसके पास 'सूत्र से मिली जानकारी' है कि जैन, गोयल, प्रसाद और कुमार जेल में आरामदायक जिंदगी उपलब्ध कराने के लिए कईहाई-प्रोफाइल कैदियों से करोड़ों रुपये की उगाही कर रहे थे, जिनमें सुकेश चंद्रशेखर भी शामिल है.
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि गोयल और प्रसाद के साथ-साथ अन्य अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और सहयोगियों की मिलीभगत से दिल्ली की जेलों में उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार और वसूली रैकेट चलाया जा रहा था. सीबीआई ने एलजी सक्सेना को लिखे अपने पत्र में कहा, इन लोगों ने इसके लिए एक सिंडिकेट के रूप में काम किया.
सीबीआई ने सूत्रों से मिली जानकारी के हवाले से आरोप लगाया कि जैन ने जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर से 2018-21 के दौरान खुद या अपने साथियों के माध्यम से 10 करोड़ रुपए की कथित तौर पर उगाही की, ताकि जेल में आरामदायक जीवन उपलब्ध कराया जा सके. गोयल और मुकेश प्रसाद ने भी जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर से 12.50 करोड़ रुपये की उगाही की. चंद्रशेखर मनी लॉन्ड्रिंग और कई लोगों को धोखा देने के आरोप में यहां एक जेल में बंद है.