Narain Singh Chaura: अमृतसर के गोल्डन टेंपल परिसर में शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमले की खबर इस समय सुर्खियों में है. हमलावर नारायण सिंह चौरा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन अब खबर है कि चौरा ने ने पहली बार इस साल 14 जुलाई को बादल पर हमले के बारे में सोचा था.
चौरा ने बुधवार सुबह सुखबीर सिंह बादल पर फायरिंग की. वह इस हमले में बाल-बाल बच गए. लेकिन उन्होंने आज अचानक ही इस हमले को अंजाम नहीं दिया बल्कि कई महीनों से वह इसकी प्लानिंग कर रहा था.
नारायण सिंह चौरा ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि सिख समुदाय ने अकाली दल के जघन्य अपराधों की वजह से उसे राजनीतिक परिदृश्य से गायब कर दिया है और वह अकाल तख्त साहिब की मदद से अपनी खोई प्रतिष्ठा चाहता है. असंतुष्ट धड़े ने इसे लेकर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को पत्र भी लिखा है. खालसा पंथ को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.
चौरा ने पोस्ट में लिखा कि सिर्फ सत्ता के लिए अकाल तख्त साहिब की मान-प्रतिष्ठा, नैतिकता, खालसा सिद्धांतों व पंथ परंपराओं पर राजनीतिक दबाव डालकर जत्थेदारों के पद का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की दोषी इस पार्टी की साजिश खालसा की आवाज को कमजोर कर रही है. गुरु पंथ को समर्पित हर सिख संगठन व हर गुरु सिख का यह धार्मिक कर्तव्य है कि वह गुरु पंथ की ताकत को बिना चूके जाहिर करे.
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि इनके अपराध इतने जघन्य है कि इस पार्टी ने अपने फायदे के लिए राजनीतिक दबाव बनाया और जत्थेदारों के पद का दुरुपयोग किया. यह हर सिख संगठन का धार्मिक कर्तव्य है कि वह इसके खिलाफ आवाज उठाएं. इन जघन्य अपराधों को माफ नहीं किया जा सकता. पोस्ट में कहा गया कि गुरु पंथ को धोखा देने वाली यह पार्टी पंथ की द्रोही है और राजनीतिक परिदृश्य में पंथ की अगुवाई करने का इसका कोई अधिकार नहीं है.
उन्होंने कहा कि गुरु पंथ से गद्दारी करने वाली यह पार्टी पंथ की गद्दार है और इस पार्टी को राजनीतिक क्षेत्र में पंथ का नेतृत्व करने का कोई अधिकार नहीं है और पंथ ने इस क्षेत्र से इसे नकार कर अपनी राय व्यक्त कर दी है.
कौन है हमलावर?
सूत्रों की मानें तो हमलावर की पहचान बब्बर खालसा इंटरनेशनल के पूर्व सदस्य के तौर पर की गई है. कहा जा रहा है कि वह 1984 में पाकिस्तान गया था और पाकिस्तान से पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की स्मलिंग करता था. हमलावर ने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध पर पर किताब भी लिखी है. वह बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी है और पंजाब की जेल में सजा भी काट चुका है.
शिरोमणि अकाली दल का कहना है कि नारायण सिंह चौरा का भाई नरेंद्र सिंह डेरा बाबा नानक में चौरा बाजार कमेटी का अध्यक्ष है और वो कांग्रेस सांसद सुखजिंदर रंधावा का करीबी है.
कौन सी सजा काट रहे हैं सुखबीर बादल?
श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को सजा सुनाई है कि वो गुरुद्वारे में सेवादारी करेंगे. बर्तन धोएंगे और पहरेदारी भी करेंगे. श्री दरबार साहिब में बने सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई भी करेंगे. जत्थेदार श्री अकाल तख्त ने बादल और उनकी पार्टी के नेताओं पर 2007 से लेकर 2017 तक अकाली दल की सरकार के समय धार्मिक गलतियों पर सजा सुनाई है. उसी सजा की भरपाई अकाली नेता सेवा करके कर रहे हैं.
सुखबीर बादल और उनकी कैबिनेट के खिलाफ अकाल तख्त ने दोष साबित किया है. आरोप है कि बादल ने ईशनिंदा के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने में मदद की है. इसके लिए बादल ने राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस लेने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई भी नहीं की और संगत के पैसे से राजनीतिक विज्ञापन दिलवाया था. डीजीपी सुमेध सैनी की नियुक्ति को धार्मिक रूप से गुनाह करार दिया है.