
यूपी के सुल्तानपुर-पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Sultanpur-Purvanchal Express way) पर 14 अक्टूबर को दर्दनाक सड़क हादसा हुआ था. तेज रफ्तार BMW कार सामने से आ रहे कंटेनर में जा घुसी थी. हादसे में चार लोगों- जदयू नेता के डॉक्टर पुत्र, दामाद, चचेरे भाई और दोस्त की मौत हुई थी. उनके शरीर के अंग 20-30 मीटर दूर तक पड़े मिले थे.
घटना से पहले का एफबी लाइव भी सामने आया है. इसमें दिख रहा है कि BMW की रफ्तार 230 थी. इसे 300 किमी के पार पहुंचाने के लिए कार चालक को कहा जा रहा था. इस दौरान कोई बोलता नजर आया था कि 'चारों मरेंगे'... और वही हुआ. कार सामने से आ रहे कंटेनर में जा घुसी, जिसमें चारों की मौत हो गई.
हलियापुर थाना क्षेत्र में हुए इस हादसे के बाद मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं. घरों में मातम छाया है. हाल ही में इसी एक्सप्रेस वे की सड़क बारिश के चलते धंस गई थी. इसके कारण एक रुट बंद कर दूसरे रुट से ही दोनों तरफ के वाहन आ-जा रहे हैं. हादसे के कारणों और एक्सप्रेस वे पर मौजूद सुरक्षा इंतजामों की 'आजतक' की टीम ने जांच की है. इस रिपोर्ट में देखिए टीम ने वहां क्या पाया...
एक ही लेन में चल रहे हैं दोनों तरफ के वाहन
जब टीम घटना स्थल पर पहुंची, तो पाया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के माइल स्टोन 83 पर पिछले दिनों तेज बारिश के चलते सड़क धंस गई थी. आनन-फानन सड़क को दुरुस्त करवा दिया गया था. मगर, सड़क खराब होने के चलते यहां गाड़ियों की आवाजाही एक ही तरफ से ही हो रही थी.
दोनोंं तरफ की गाड़ियों को एक ही सड़क पर अपनी-अपनी लेन में चलाने के लिए अस्थाई व्यवस्था की गई है. इसके लिए दूर-दूर बैरिकेडिंग की गई है. यदि कोई गाड़ी अपनी लेन छोड़कर दूसरी लेन में जाती है, तो उसका दूसरे वाहन से टकराना तय है.
नहीं है स्पीड लिमिट कैप्चर करने वाले कैमरे
राजधानी लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाला पूर्वांचल एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है. इस पर स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा है. मगर, रफ्तार की जांच करने और लिमिट तोड़ने पर जिम्मेदार लोगों को पकड़ने का कोई इंतजाम नहीं है.
देश के अन्य एक्सप्रेस वे पर स्पीड लिमिट कैप्चर करने वाले कैमरे लगे हैं. इनकी मदद से एक्सप्रेस वे से गुजरने वाले वाहनों की स्पीड रिकॉर्ड की जाता है. तय मानक से ज्यादा रफ्तार होने पर वाहन मालिक के नंबर पर चालान आ जाता है. पुलिस के पास भी वाहन की डिटेल पहुंच जाती है.
मगर, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. आज भी वहां सड़क के दोनों तरफ ट्रैफिक बहाल नहीं हुआ है. दोनों तरफ की गाड़ियां एक ही सड़क से आवाजाही कर रही हैं. खराब सड़क और रफ्तार को रोकने का इंतजाम न होना हादसों को दावत दे रहा है.
एफबी लाइव में हुई बातचीत आई थी सामने
कार के अंदर फेसबुक लाइव के दौरान चारों के बीच स्पीड की ही बातें हो रही थीं. जैसे-जैसे स्पीडोमीटर की सुई बढ़ती जा रही थी, वैसे-वैसे ये चारों BMW की रफ्तार और बढ़ाने की बात कर रहे थे. फेसबुक लाइव में सुनाई दिया कि 'स्पीड आ रही है ना...130...200 पार करेगा....अब स्पीड 300 पहुंचा देगा....सीट बेल्ट लगा लीजिए....(रोड) सीधा है... चल... फुल स्पीड में... ब्रेक मत करना... ब्रेक मत करना... चल...चल...छोड़ मत (एक्सीलरेटर)... छोड़ेगा तो चढ़ेगा नहीं....', इस दौरान कोई बोल रहा था 'चारों मरेंगे'.
आखिरी बार 219 किमी की थी रफ्तार
जब कार कंटेनर से टकराई थी उस दौरान स्पीड 219 किमी की थी. गाड़ी कंटेनर से टकराई और तहस-नहस हो गई. न सीट बेल्ट काम आया औ न एयरबैग.
जान गंवाने वाले सभी बिहार के रहने वाले
कार में बिहार के रोहतास के रहने वाले 35 वर्षीय डॉक्टर आनंद कुमार, झारखंड में इंजीनियर उनके चचेरे बहनोई दीपक आनंद, चचेरा भाई भोला कुशवाहा और दोस्त अखिलेश सिंह सवार थे. डॉक्टर आनंद कुमार को महंगी कार और बाइक का शौक था. उनके पास 16 लाख की बाइक है. हाल ही में उन्होंने सवा करोड़ में नई BMW खरीदी थी.
वह इसकी सर्विसिंग के लिए लखनऊ जा रहे थे. डॉक्टर आनंद कुमार जमुहार स्थित एनएमसीएच में लेप्रोसी विभाग में एचओडी थे. उनके परिवार में माता-पिता, बड़े भाई और पत्नी सभी डॉक्टर हैं. पिता डॉ. निर्मल सिंह और चाचा अजय कुशवाहा जदयू सदस्य हैं. चाचा जिलाअध्यक्ष हैं. मां बड़ा अस्पताल चलाती हैं. मृतक आनंद की दो साल पहले ही शादी हुई थी.
भोला कुशवाहा चला रहा था कार
घटना के दौरान BMW डॉ. आनंद कुमार का चचेरा भाई भोला कुशवाहा चला रहा था. वह रोहतास जिले के बलभद्रपुर गांव का रहने वाला है. वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. पेशे से किसान भोला की छह साल पहले शादी हुई थी. परिवार में पत्नी, माता-पिता और चार साल का बेटा है. भोला की मौत के बाद से परिवार गम में डूबा हुआ है.
दीपक आनंद
औरंगाबाद के शिवपुर डिहरी गांव के रहने वाले 37 वर्षीय दीपक आनंद डेहरी के मशहूर डॉ. निर्मल के दामाद हैं. पेशे से इंजीनियर दीपक की शादी डॉ. निर्मल की भतीजी से हुई थी. दीपक की मौत के बाद परिवार में पत्नी अनिता दो बेटे आठ साल का गौरव और छह साल का प्रभास है. दीपक का शव लेने पहुंचे उनके भाई चंदन कुमार का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्होंने कहा कि अब भाई के बिना परिवार बिखर गया, हम अधूरे हो गए.
अखिलेश सिंह
दीपक आनंद का दोस्त अखिलेश सिंह औरंगाबाद के ओबरा के महसी गांव का रहने वाला था. पिता का नाम विनय कुमार सिंह है. अखिलेश पिता के साथ ठेकेदारी करता था.
कितनी है एक्सप्रेस वे की लागत?
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की लागत 22 हजार करोड़ रुपए है. इसकी लंबाई 340 KM है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका लोकार्पण 16 नवंबर 2021 को सुल्तानपुर में कूरेभार के अरवल कीरी स्थित एयर स्ट्रिप से किया था. इस प्रोजेक्ट से जनपद लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को जोड़ा गया है.
(रिपोर्ट-आजतक ब्यूरो)