सुपरटेक (Supertech) लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. सुपरटेक ने अपनी याचिका में नोएडा स्थित ट्विन टॉवर गिराने के सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही सुपरटेक ने मांग की है कि कोर्ट अपना फैसला संशोधित कर एक टॉवर गिराने का आदेश दे.
सुपरटेक ने अपनी याचिका में कहा, दो में से एक टॉवर गिराने के फैसले से करोड़ों रुपए बच जाएंगे. साथ ही यह पर्यावरण के लिए फायदेमंद रहेगा. सुपरटेक ने याचिका में कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश को चुनौती नहीं दे रहे, बल्कि करोड़ों रुपए बचाने के लिए केवल कुछ बदलावों का सुझाव दे रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के ट्विन टॉवर्स को गिराने का आदेश दिया है. सुपरटेक के ये दोनों ही टॉवर 40-40 मंजिला हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ये टॉवर नोएडा अथॉरिटी और सुपटेक की मिलीभगत से बने थे.
अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही एसआईटी
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एसआईटी को नियुक्त किया है. इस एसआईटी की अध्यक्षता यूपी के औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल कर रहे हैं. एसआईटी अपनी जांच में यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सुपरटेक ट्विंस टॉवर के निर्माण में किन अधिकारियों ने बिल्डर को बार-बार नक्शा बदलने की सलाह दी थी और संशोधित नक्शे को नियमों के विरुद्ध जाकर मंजूरी दी.
गिराने की तैयारी में जुटा प्रशासन
नोएडा के सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट हाऊसिंग सोसाइटी में बने दोनों अवैध टॉवरों को गिराने की कवायद शुरू हो गई है. सितंबर में ही सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने मौके पर आकर टॉवरों की जांच की थी. बताया जा रहा है कि सीबीआरई ट्विन टॉवर को गिराने के लिए अमेरिका या यूरोप की किसी बड़ी एजेंसी से मदद लेगी. जानकारी के मुताबिक, सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने में 1-2 करोड़ नहीं बल्कि 5-7 करोड़ से भी ज्यादा खर्चा आने की संभावना जताई जा रही है.