प्रवर्तन निदेशालय ने सुपरटेक के मालिक और प्रमोटर आरके अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है. मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ बताया गया है. बता दें कि सुपरटेक के नोएडा में स्थित ट्विन टॉवर्स को पिछले ही साल गिराया गया था.
जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा को गिरफ्तार किया है. अरोड़ा को मंगलवार को तीसरे दौर की पूछताछ के बाद पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया था. सुपरटेक समूह, उसके निदेशकों और प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पुलिस विभागों द्वारा दर्ज की गई कई FIR से सामने आया है.
सुपरटेक के निदेशकों पर धोखाधड़ी के आरोप
FIR में, सुपरटेक और उसके निदेशकों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था क्योंकि उन्होंने बुक किए गए फ्लैटों के लिए अग्रिम राशि के रूप में घर खरीदारों से पैसे तो ले लिए थे, लेकिन ग्राहकों को फ्लैट का पजेशन सौंपने में विफल रहे थे. अप्रैल में ईडी ने रियल एस्टेट ग्रुप और उसके निदेशकों की 40 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की थी.
वहीं, पिछले साल, अदालत के आदेश के बाद नोएडा में सुपरटेक के अवैध ट्विन टावरों को 3,000 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का उपयोग करके ध्वस्त कर दिया गया था.
अप्रैल में हुई थी सुपरटेक ऑफिस के खिलाफ कार्रवाई
अभी बीते 19 अप्रैल को सुपरटेक ऑफिस के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई थी. गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने सेक्टर 96 में सुपरटेक ऑफिस का मुख्य कार्यालय सील कर दिया. दरअसल सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट लिमिटेउ पर रेरा का 33 करोड़ 56 लाख रुपये बकाया था. इस संबंध में सुपरटेक को कई बार नोटिस भी जारी किए गए थे लेकिन बिल्डर ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था. मुनादी के बाद भी जब बिल्डर ने राशि जमा नहीं करवाई तो जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई कर दी.
सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने जिला प्रशासन की इस कार्रवाई को अवैध बताया था. उन्होंने कहा था कि ऑफिस सुपरटेक लिमिटेड का है. कंपनी सुपरटेक लिमिटेड एनसीएलटी के आदेश के अनुसार आईबीसी और आईआरपी के नियंत्रण में है. मोरेटोरियम आईबीसी के अनुसार लागू है.