नोएडा (NOIDA) प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया है कि सुपरटेक एमरेल्ड ट्विन टावर (Twin Tower) को गिराने का काम शुरू हो गया है. इसे 22 मई तक गिरा दिया जाएगा. नोएडा अथॉरिटी की जानकारी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण के हलफनामे में बताई गई समय-सीमा का पालन करने को कहा है.
सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को 17 मई को साजा स्टेटस रिपोर्ट के साथ हाजिर होने के लिए कहा. अब इस मामले की सुनवाई 17 मई को होगी. एमरल्ड कोर्ट नामक परियोजना में बनाए गए ये दोनों टावर चालीस मंजिले हैं. इन्हें नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर अवैध रूप से नियमों की अनदेखी और मनमाने बदलाव करते हुए बनाया गया था.
सीनियर एडवोकेट रविंद्र कुमार ने नोएडा प्राधिकरण की ओर से कोर्ट को बताया कि नौ फरवरी को सभी हितधारकों के साथ मीटिंग हुई थी. इसके बाद बड़ी इमारतें सुरक्षित ढंग से ढहाने की विशेषज्ञ कम्पनी ने योजना तैयार की. योजना के मुताबिक एक मंजिल का गैप रखकर विस्फोटक लगाकर 22 मई को दोनों टावर गिराने में दस से तीस सेकंड लगेंगे लेकिन जबकि मलबा हटाने में तीन महीने लगेंगे.
ऑथोरिटी ने कोर्ट को बताया कि जो योजना तैयार की गई है उसके मुताबिक 22 अगस्त तक मलबा हटा लिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस ढहाने वाले काम से जुड़े सभी संकाय और संस्थानों को ताकीद की कि सभी नोएडा ऑथोरिटी के हलफनामे में दी गई टाइम लाइन यानी समय सीमा को ध्यान में रखें.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त को सुपरटेक एमेराल्ड के 40 मंजिला ट्विन टावर को तीन महीने में गिराने के आदेश दिए थे. यह समय सीमा बढ़ाई गई है. फैसला सुनाते हुए जस्टिस चंद्रचूड ने कहा था कि ये मामला नोएडा अथॉरिटी और डेवलपर के बीच मिलीभगत का एक उदाहरण है. इस मामले में सीधे-सीधे बिल्डिंग प्लान का उल्लंघन किया गया.
इन्हें मिला है कॉन्ट्रैक्ट
सुपरटेक इमारत को एडिफिस नाम की कंपनी गिराएगी. इस कंपनी ने पहले भी बहुमंजिला इमारत को ढहाया है. दिल्ली-एनसीआर में यह पहली बार होगा जब किसी गैर कानूनी निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत को अदालत के आदेश पर विस्फोट के जरिए गिराया जा रहा है.